Jabalpur Dusshehra News: जबलपुर के दशहरे की पूरे प्रदेश में चर्चा, शहर में दिखा आस्था और आधुनिकता का संगम

Jabalpur News, Jabalpur dussehra। कोरोना के दो साल घरों तक सीमित रहा नवरात्री दशहरे का त्योहार, इस वर्ष शहर में उत्साह और उमंग के साथ मनाया गया. शहरवासियों ने भक्ति के पर्व में अपनी पूरी शक्त एवं शृध्दा लगाई. जिसके चलते जबलपुर के नवरात्री एवं दशहरे की धूम पूरे मध्य प्रदेश में सुनाई दी. वहीं सम्पूर्ण महाकौशल से शृध्दालू नवरात्री एवं दशहरा देखने और मनाने जबलपुर पहुंचे. सड़कों चौराहों की सजावट हो, भंडारें हों या फिर माता का जगराता, हर जगह परम्पराओं के साथ आधुनिक तकनीकों का संगम देखने का मिला. पूरी भव्यता के साथ शांति के साथ संपन्न हुआ शहर का सबसे बड़ा त्योहार आज पूरे मध्य प्रदेश वासियों की जुबान पर है. यहां के भंडारों से लेकर चल समारोह तक, लाईटिंग से लेकर साउंड सिस्टम तक, पोशाक और परिधान से लेकर सोशल मीडिया में ट्रेंड तक हर संस्कारधानीवासियों ने विशेष छाप छोड़ी है. इस दो राय नहीं जबलपुर २०२२ का नवरात्र एवं दशहरे संस्कारधानी के इतिहास में अपनी अलग पहचान बनाने में कामयाब हुआ.

महानगरों के फूड फेस्टिवल हुये फ़ेल

माता के दर्शन को निकले शृध्दालुओं के लिये समिति और शहरवासियों ने पलवेंâ बिछा दीं. इस बार जबलपुर के भंडारे महानगरों के पूâड पेâस्टिवल को भी टक्कर देते नजर आए. हर गली चौराहों में करीब एक सप्ताह माता का भंडारा निर्बाध चला. इस बार वैरायटी इतनी अधिक थी की लोग समझ नहीं पाए, क्या खाएं क्या न खाएं. भंडारों में एक तरफ जहां पारंपरिक भोजन के स्टॉल लगे दिखें. जहां पुड़ी, सब्जी, हलवा, खीर, दाल-चावल, कढ़ी-चावल, पुलाव, पोहा जलेबी आदि शामिल हैं। तो दूसरी तरफ फास्ट की चेन दिखाई दी. जिसमें नूडल्स, चाउमिन, फ्राइड राइस, मंचूरियन, मोमोज का भंडारा बांटा चल रहा है। व्रत रखने वालों के लिये फलाहारी का भी व्यापक इंतेजाम था. जिसमें साबूदाना की खिचड़ी और खीर, साबूदाना के बड़े, लौकी का हलवा, सिंघाड़ा के आटे की खीर, काजू किसमिस और सूखा पंचमेवा, केला, सेव आदि फल का वितरण किया जा रहा है। देसी पूâड लवर्स के लिये आलूबंडा, समोसे, पकौड़े, डोसा, इडली, खट्टा मीठा नमकीन शामिल बंट रहा था. हर जगह स्वाद और गुणवत्ता बेमिसाल थी. इसमें कोई शक नहीं जबलपुर के भंडारे इस बार महानगरों के पूâड पेâस्टिवल को टक्कर देते नजर आए.

सोशल मीडिया पर जबलपुर का टे्रंड

मन्नत वाली महाकालीं हों, या गढ़ाफाटक की मां काली, पड़ाव की महारानी, गुलौआ की महाकाली  इस बार सोशल मीडिया पर जबलपुर ट्रेंड करता नजर आया. पेâसबुक, इंस्टाग्राम या फिर ट्विटर हर जगह हैसटेग जबलपुर की धूम रही. युवाओं ने नवरात्री एवं दशहरे के कार्यक्रम सोशल मीडिया प्लेटफार्मस पर लाईव चलाए, तो एक से बढ़कर एक वीडियो बनाकर अपलोड किये. जिन्हें पूरे देश में करोड़ों लोगों ने देखा.

पर्यावरण की फिक्र नजर आई

जहां एक तरफ जबलपुर २०२२ का नवरात्र एवं दशहरे अपनी भव्यता के लिये याद किया जाएगा. वहीं दूसरी तरफ पर्यावरण संरक्षण, स्वच्छता के लिये सराहा जाएगा. जहां बड़े पैमाने पर ईको प्रेंâडली प्रतिमाएं स्थापित की गई. वहीं समितियों ने भंडारे आदि कार्यक्रमों में सफाई को लेकर भी विशेष ध्यान दिया. तीखें और हाईवोल्टेज साउंड बाक्सेज से भी बचने का प्रयास शहर में नजर आया. पर्यावरण एवं स्वास्थ्य के लिये बढ़ी जागरुकता को विशेषज्ञ भविष्य के लिये अच्छा संकेत मान रहे हैं.

शांति और सद्भाव की बनी मिसाल

लाखों लोग सड़क पर उतरे, हजारों कार्यक्रम हुये लेकिन मामूली घटनाओं को छोड़ दें तो किसी भी तरह का विवाद या अप्रीय घटनाओं की सूचना इन १० दिनों में नहीं आई. शहर का सबसे बड़ा पर्व पूरे उत्साह के बावजूद पूरी शांति और सद्भाव के साथ मनाया गया. जिसके लिये जहां एक तरफ पुलिस एवं प्रशासन प्रशंसा के पात्र हैं. तो दूसरी तरफ शहरवासियों और विशेषकर युवाओं की जागरुकता भी सराहनीय है.

Leave a Comment