MP HOLI NEWS। होली, रंगपंचमी और शब-ए-बारात त्यौहारों पर शांति एवं कानून व्यवस्था बहाल रहे और सौहार्द बना रहे, इसके दृष्टिगत पुलिस महानिदेशक सुधीर कुमार सक्सेना ने सोमवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पुलिस विभाग के आला अधिकारियों की बैठक ली। बैठक में समस्त समस्त एडीजी/आईजी, रेंज डीआईजी एवं समस्त पुलिस अधीक्षक शामिल हुए । वहीं इस बैठक में एडीजी (इंटेलिजेंस) आदर्श कटियार और आईजी लॉ एंड ऑर्डर संजय तिवारी उपस्थित रहे।
डीजीपी श्री सक्सेना ने कहा कि 6, 7 एवं 8 मार्च को प्रदेश भर में आयोजित होने वाले त्यौहारों के दौरान शांति एवं कानून व्यवस्था बनाने के लिए हमें तैयार रहना है। त्यौहारों में नागरिक उत्साहपूर्वक सम्मिलित हो रहे हैं, जिसके दृष्टिगत पुलिस की व्यवस्थाएं चाक-चौबंंद हों, यह सुनिश्चित किया जाए। इस बार होली और रंगपंचमी के दौरान शब-ए-बारात का आयोजन भी हो रहा है, इस बात का हमें विशेष ध्यान रखना होगा कि सांप्रदायिक सौहार्द बना रहे। उन्होंने कहा कि आवश्यकतानुसार समस्त जिलों को अतिरिक्त बल उपलब्ध करा दिया गया है। पुलिस अधीक्षक पूरे बल की गहन समीक्षा कर सभी संवेदनशील तथा उपयुक्त स्थल पर पर्याप्त तैनाती सुनिश्चित करें। ग्राम/नगर रक्षा समिति तथा ग्राम कोटवारों का भी सहयोग लें। उन्होंने कहा कि जिला एवं थाना स्तर के अलावा आवश्यकतानुसार बीट्स, मोहल्ला पर भी शांति समिति की बैठक आयोजित करें। बीट स्तर की इंटेलीजेंस को अत्यधिक सक्रिय रखें। एडीजी (इंटेलिजेंस) श्री आदर्श कटियार ने कहा कि सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने में हमें अथक प्रयास करने होंगे।
महिला सुरक्षा के प्रति रहें सजग
डीजीपी श्री सक्सेना ने कहा कि त्यौहारों के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए कि महिलाओं के साथ कोई अभद्रता की घटना ना हो। महिलाओं के साथ छेड़खानी करने वालों के विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की जाए। धार्मिक स्थलों के आसपास एवं वहां से गुजरने वाले जुलूसों पर विशेष निगरानी रखी जाए।
असामाजिक तत्वों पर रखें विशेष नजर
वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के दौरान डीजीपी श्री सक्सेना ने बल देते हुए कहा कि होली और रंगपंचमी पर होने वाली असामाजिक गतिविधियों को रोकने के लिए तैनात रहें। विशेष तौर पर अवैध शराब कारोबारियों पर कार्रवाई की जाए। लाइसेंसी शराब दुकानें शासन के निर्धारित समय पर खुलें एवं बंद हों, यह अनिवार्य रूप से सुनिश्चित करें। वहीं डीजे पर आपत्तिजनक गाने ना बजाए जाएं, इसके लिए डीजे संचालकों को निर्देशित करें। असामाजिक तत्वों पर निगरानी रखें और उन पर प्रतिबंधात्मक कार्रवाई की जाए।