Jabalpur News: दो दिन से शहर में नहीं लगी झाड़ू

Jabalpur News: जिस तरह दीवाली में 125 डेसी बल से ज्यादा ध्वनी वाले पटाखों के निर्माण और उपयोग पर प्रतिबंध लगाया गया उसी तरह होली में धूल और मिट्टी उड़ाने पर प्रतिबंध लगाना आवश्यक हो गया है। एक तो वैसे ही जहां-तहां चल रहे निर्माण कार्यों के कारण रोज हो रही खुदाई से महीनों से धूल की होली हो रही है। होली में लाल-पीली मिट्टी का जमकर उपयोग किया गया। शहर की हर गली, सड़क में धूल-मिट्टी, धूल-मिट्टी पड़ी हैं। सरपट दौड़तें वाहनों की रफ्तार से उड़ रही धूल लोगों को रोगी बना रही हैं। सड़कों पर उड़ने वाली धूल ने वैसे ही वायु प्रदूषण बढ़ा दिया है और होली में यह वायु प्रदूषण बढ़कर चौगुना हो गया। होली पर लाल, पीली गेरू-मिट्टी सस्ते दामों पर बिकने के कारण ज्यादा इस्तेमाल हो रही है। पिछले दो दिनों में शहर धूल-धूल हो गया, दो दिनों से सड़कों पर झाड़ू नहीं लगने से हालात और ज्यादा खराब हो गये। जिस गली जिस सड़क से निकल जाओ धूल के गुब्बार इस कदर उड़ रहे हैं कि सड़क पर पैदल और दोपहिया वाहन पर चलना दुश्वार हो गया है।

संस्कारधानी पूरी तरह से धूलधानी हो गई है। धूल फांककर लोग घर पहुंच रहे हैं। दमा रोगियों की मुसीबत बढ़ गई है, धूल की एलर्जी से लोगों को सर्दी, खांसी और जुकाम हो रहा है। किसी को कन्जेक्टिव आईटिस तो किसी को श्वांस फूलने का रोग हो रहा है। दमा रोगियों के तो खांस-खांसकर हाल बुरे हैं, मुख्य मार्गों पर रहने वाले लोगों के घरों में चौपहिया वाहनोें के निकलने से धूल उड़कर घरों में घुस रही है। लोग घरों में भी सुरक्षित नहीं हैं। दुकानदारों ने दुकानों में प्लास्टिक के पर्दे लगा रखे हैं। अब आवश्यकता इस बात की है कि नगर निगम सड़कों पर झाडू लगवाकर कर सड़की की धुलवाई करवाये, इसके अलावा कोई चारा नहीं है। जब तक सड़कों की धुलाई नहीं होगी तब तक सड़ाकों की धूल खतम नहीं होगी। वहीं सीवर लाईन, फ्लाई ओवर और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत चल रहे कामों की खुदाई से क्षतिग्रस्त सड़कों का निर्माण भी आवश्यक हो गया है। यहां जब तक सड़कों का पुनर्निर्माण नहीं होगा तब तक धूल खतम नहीं होगी। शहर की इस गंभीर समस्या पर जनप्रतिनिधि पूरी तरह से मौन हैं। पक्ष-विपक्ष नेता भी चुप्पी साधे बैठे हैं।

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