WPL 2023: सानिया के जुड़ने आरसीबी को मिलेंगे यह फायदेखेल की दुनिया में महिला खिलाड़ियों की हमेशा से प्रेरणा रहीं सानिया मिर्जा के आरसीबी के साथ जुड़ने से टीम को मनोवैज्ञानिक लाभ मिलेगा। सानिया को आरसीबी ने डब्ल्यूपीएल के लिए अपना मार्गदर्शक (मेंटोर) बनाया है।
बताया जा रहा है सानिया के जिम्मे महिलाओं को मानसिक पहुलों की जानकारी देना है। आरसीबी ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक वीडियो साझा किया है जिसमें सानिया टीम के खिलाड़ियों से बातचीत करती दिख रही है।
सानिया ने इस वीडियो में कहा, मैं क्रिकेट के बारे में कुछ नहीं जानती। मैंने सोचा (जब मुझे मेंटोर बनाया गया था) मैं क्या करने जा रही हूं, मैं लड़कियों से क्या बात करूंगी। मैं हाल ही में खेल को अलविदा कहा है। मैं सोचा कि जीवन में मेरा अगला कदम भारत की महिला खिलाड़ियों को मदद करना होगा।
मैं मानसिक पहलू से मदद कर सकतीं हूं: सानिया
सानिया ने कहा, किसी भी खेल में मैं मानसिक पहलू को लेकर मदद करने कर सकती हूं। मैंने पिछले 20 वर्षों से इसका सामना किया है। सानिया ने एक खिलाड़ी ने पूछा कि उनके लिए संन्यास लेना कितना मुश्किल फैसला था। इसके जवाब में उन्होंने कहा, मैं वास्तव में इसके लिए तैयार थी। मेरा एक बेटा है जो चार साल का है और ईमानदारी से कहूं तो पिछला एक साल संघर्षपूर्ण रहा है। मेरे तीन आॅपरेशन हुए। मैंने हालांकि शीर्ष रहते हुए खेल को अलविदा कहने का सोचा था। मैं बस रुकना चाहती थी।
दबाव महसूस करना सामान्य बात: सानिया
सानिया ने कहा कि मेंटोर के रूप में उनकी भूमिका आरसीबी को डब्ल्यूपीएल खिताब की ओर बढ़ने में मदद करने की होगी। उन्होंने कहा, मैं व्यक्तिगत खेल में थी, इसलिए फोटो शूट, मीडिया का ध्यान सब कुछ मैंने अपने दम पर संभाला। ऐसे में मैंने सोचा कि लड़कियों से इस तरह की चीजें साझा कर सकती हूं। इस पूर्व खिलाड़ी ने कहा, खेल में दबाव महसूस करना सामान्य है लेकिन आपको बस इससे निपटने का तरीका ढूंढना होगा। आपको बाहर की चर्चा को अनसुना करना होगा। ऐसे मामलों में भारतीय मीडिया सख्त है।
संघर्ष जीवन का हिस्सा
संघर्ष को हर खिलाड़ी के जीवन का हिस्सा बताते हुए सानिया ने कहा, ह्यह्यहर चीज में संघर्ष है। हमें कोर्ट (टेनिस खेलने की जगह) नहीं मिलता था, हम ऐसे कोर्ट पर खेलते थे जिसे गोबर से लीपा जाता था। हमारे पास कोच नहीं थे। जो कोच थे वे विशेषज्ञ नहीं थे। फिर लड़कियों का अपना एक अलग संघर्ष होता है।
उन्होंने कहा, एक एथलीट के रूप में हमारा काम अगली पीढ़ी को प्रेरित करना है। चैंपियन वह नहीं हैं जो हर समय जीत रहा हो, असली चैंपियन वह हैं जो खराब लय के होने के बाद भी जीतने का जज्बा दिखाता है। उन्होंने कहा, ह्यह्य आपको यह याद रखना होगा कि आपने क्रिकेट खेलना क्यों शुरू किया, क्योंकि आप इस खेल से प्यार करते हैं।
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