Jabalpur Special News: शहर की पहचान बनी मोक्ष और गरीब नवाज कमेटी

Jabalpur Special News, जबलपुर। लाश घर में है लेकिन अंतिम संस्कार के रास्ते में गरीबी खड़ी है। कोरोना से मौत हुई है, कोई कफन दफ्न करने वाला नहीं। गंभीर बीमारी से मौत हुई, अपने भी हाथ लगाने तैयार नहीं। यतीम हो गरीब हो बेसहारा हो, ऐसा कोई भी हो जिन्हें जीते जी सहारा न मिला हो। लेकिन ऐसे लोगों को सम्मान जनक विदाई मिल सके, इसके गरीब नवाज कमेटी और मोक्ष संस्था हमेशा मौजूद रहती है। यूं ही नहीं इस शहर को संस्कारधानी कहते हैं। धर्म, जाति, समाज हर बंधन से उठकर लोग यहां एक दूसरे की मदद करते हैं। जब अपने साथ छोड़ जाते हैं, तो शहर का ही कोई न कोई मसीहा बनकर सामने आता है, अपनों की कमी को दूर करता है। संस्कारधानी की संस्कारों की जीती जागती मिसाल आज गरीब नवाज कमेटी की इनायत अली और मोक्ष के आशीष ठाकुर बन चुके हैं। इनका सालों से सेवा का यह क्रम जारी है। जिनकी चर्चा और तारीफ अब प्रदेश की सीमाएं लांघ कर देशभर में होने लगी है।

इनायत किया सीलू का संस्कार……

ऐसा ही एक मामला गत दिवस सामने आया था। जहां एक महिला सीलू सिंह की दोनों किडनी खराब हो गई, मेडिकल के डॉक्टरों ने घर ले जाकर सेवा करने की सलाह दी। बेटी ने साफ मना दिया की वो सेवा नहीं कर सकती और अंतिम सांसे गिनती मां को छोड़कर चली गई। फिर मुहं बोले भाई प्रेम चंद्र गुप्ता को बुलाया गया। अत्यंत गरीब प्रेम चंद्र ने छोटी खेरमाई मंदिर राइट टाउन के सामने फुटपाथ पर उसे रखा। खबर गरीब नवाज कमेटी के इनायत अली तक पहुंची। इनायत बीमार सीलू के खाना पीने ओड़ने का इंतेजाम किया। अंतिम समय पर उसकी बेटे की तरह सेवा की। गत देर रात सीलू की मौत हो गई, तो इनायत और उनके साथियों ने सीलू का अंतिम संस्कार पूरे सम्मान के साथ रानीताल शमशन घाट में किया। बताया गया की अंतिम संस्कार के समय मृतिका की बेटी भी शमशान पहुंची। लेकिन लोगों के आग्रह पर इनायत अली ने ही बेटा बनकर अंतिम संस्कार संपन्न कराया।

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