Jabalpur News, जबलपुर। राष्ट्रीय चिंतक एवं विचारक राज्य सभा सदस्य भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी ने यहां कहा की राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा नहीं कांग्रेस जोड़ो यात्रा निकाल रहे हैं. भारत जोड़ों के नाम से निकली इस यात्रा में टुकड़े टुकड़े गैंग के लोग शामिल हो रहे हैं. कर्नाटक जहां से यात्रा शुरु हुई वहां एक ऐसा पादरी इस यात्रा का हिस्सा बना जो भारत में रहना ही नहीं चाहता. केरल में खुले आम बीफ खाने वाले लोग यात्रा का हिस्सा बने. महाराष्ट्र में सावरकर को कोसने वाले लोग देश को कनार्टक और केरल में देश को तोड़ने वाले लोगों के साथ नजर आ रहे हैं.
श्री त्रिवेदी जबलपुर में आयोजित तीन दिवसीय वर्ल्ड रामायण Conference में होने शामिल होने पहुंचे श्री त्रिवेदी यहां होटल सत्य अशोका में पत्रकारों से चर्चा कर रहे थे. इस दौरान उनके साथ विधायक अजय विश्नोई एवं ग्रामीण जिला अध्यक्ष रानू तिवारी उपस्थित थे. पत्रकारों से चर्चा के दौरान एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि कौन कांग्रेस में वापस में आ रहा है और कौन नहीं यह राहुल गांधी जाने लेकिन यह भारत जोड़ो यात्रा नहीं कांग्रेस जोड़ो यात्रा हैं।
देश में यात्राओं का दौर…
श्री त्रिवेदी ने यात्रा पर तंज कसते हुये कहा देश मे अब यात्राओं का दौर शुरू हों गया है पर यह यात्रा विपक्ष की एकता के समाधान की नहीं बल्कि नेताओं के अहंकार के घमासान के लिए निकाली जा रही है. बिहार में नीतीश कुमार समाधान यात्रा निकाल रहे हैं तो वही खड़के जी भी बिहार मे अलग से यात्रा निकाल रहे हैं जिसे देखकर समझा जा सकता है कि देश मे यात्राओं का दौर चल रहा है। भाजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता ने कहा कि यात्राओं के यात्री एक नए मुकाम की तरफ जा रहे हैं लेकिन इससे किसी भी तरह का उन्हें फायदा नहीं होने वाला।
2014 के बाद सबको याद आने लगे भगवान
राज्यसभा सांसद सुधांशु त्रिवेदी ने कहा कि भगवान के नाम पर लोग अब राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि पश्चिम बंगाल में जब चुनाव आता है तो ममता बनर्जी चुनावी मंच से चंडी पाठ करती हैं उत्तर प्रदेश में चुनाव आता है तो प्रियंका गांधी चुनावी मंच से देवी स्तुति करती हैं उत्तर प्रदेश चुनाव में अखिलेश यादव को सपने में भगवान दिखते हैं तो वही गुजरात चुनाव मे अरविंद केजरीवाल को नोट में भगवान की तस्वीर दिखने लगती हैं। पर कोई बात नही किसी भी भाव से आए पर कम से कम भगवान का नाम तो इन्हें याद आया वर्ष २०१४ के बाद देश में यह बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है।