Jabalpur News। मैथोडिस्ट चर्च इन इंडिया ट्रस्ट को स्कूल के प्रयोजन और निवास के लिए दी गई जमीन को बेचने के मामलें में पिछले 13 सालों से लंबित याचिका पर हाईकोर्ट का आदेश आने के बाद अब प्रशासन हरकत में आ गया। इस जमीन पर अब दीक्षित प्राइड नाम की एक व्यवसायिक बिल्डिंग तन गई है, जिस पर प्रशासन ने नोटिस चस्पा कर दिया है। मैथोडिस्ट चर्च के पदाधिकारियों को अपर कलेक्टर न्यायालय शहर (रांझी) ने नोटिस जारी कर १७ मार्च को जवाब प्रस्तुत करने को कहा, अन्यथा एक पक्षीय कार्रवाई करते हुए भूमि को शासन मद में दर्ज करने की चेतावनी दी है। सोमवार को पहुंची जिला प्रशासन की टीम ने पक्षकारों के नाम जारी नोटिस को दीक्षित प्राईड और मैथोडिस्ट चर्च क्रिश्चियन स्कूल में नोटिस चस्पा कर दिया है। इसके साथ ही एक हाईप्रोफाइल बिल्डर जो भाजपा नेता का करीबी है उसने प्रशासन पर दबाव बनाना शुरु कर दिया।
नोटिस में यह कहा गया
जिला प्रशासन द्वारा चर्च के ५ पक्षकारों को जारी नोटिस में कहा गया है कि मैथोडिस्ट चर्च इन इंडिया ट्रस्ट को अवासीय प्रयोजन के लिए जमीन लीज पर दी गई थी। जमीन को विक्रय किये जाने के पूर्व अनुमति लिया जाना आववश्यक होता है, किन्तु उक्त अनुमति का उल्लेख राजस्व अभिलेख में दर्ज नहीं है। वहीं प्रथम लीज धारी मेथोडिस्ट चर्च ऑफ इंडिया जबलपुर के जिला अधीक्षक फादर मनीष एस गिडियन को अनुविभागीय अधिकारी रांझी के द्वारा जारी पत्र दिनांक २७ फरवरी २०२३ में उक्त आवंटन चर्च के नाम जिस प्रयोजन हेतु किया गया था।
उसके बाई लॉज तथा अनुमति आदि के दस्तावेज उपलब्ध कराने हेतु लेख किया गया है, किन्तु आज दिनांक तक प्रस्तुत नहीं किया गया। राजस्व निरीक्षक द्वारा स्वतः जिला अधीक्षक फादर मनीष एस गिडियन के कार्यालय में सम्पर्क किये किन्तु उनके द्वारा विक्रय के पूर्व शासन, सक्षम अधिकारी से प्राप्त अनुमति एवं मेथोडिस्ट चर्च के बाई लॉज तथा बोर्ड ऑफ डायरेक्टर के द्वारा पारित रिजाल्यूशन की प्रति उपलब्ध नहीं करायी गयी ।
17 मार्च की पेशी
प्रशासन द्वारा चर्च के 5 पक्षकारों फादर मनीष एस गिडियन, जिला अधीक्षक मैथोडिस्ट चर्च, अंबिका चरण, दीक्षित, श्रीमति सुधा दीक्षित, अनिल कुमार दुबे, श्रीमति उमारानी मिश्रा, डॉ.श्रीमति सूजन अब्राहम करम, को न्यायालय अपर कलेक्टर, शहर (रांझी) जबलपुर से जारी नोटिस के तहत १७ मार्च को उपस्थित होने को कहा गया है। वहीं चेतावनी दी गई है कि नियत पेशी दिनांक पर अनुपस्थित होने की दशा में आपके विरुद्ध एक पक्षीय कार्रवाई कर लीज निरस्तीकरण कर राजस्व अभिलेखों में भूमि पुनः शासन के मद में दर्ज करने की कार्रवाई की जाएगी।