Jabalpur News: जबलपुर मे उमड़ा आस्था व श्रद्धा का सैलाब, नवमीं आज

Madhya Pradesh News, Jabalpur News, Jabalpur Dushera News। शारदेय नवरात्र पर्व की धूमधाम चरमोत्कर्ष पर पहुंच गई है। नवरात्रि के आज अंतिम दिन दुर्गानवमीं पर आदि शक्ति स्वरूपा के नवमें रूप सिद्धिदात्री की पूजा अर्चना की जायेगी। आज हवन पूजन एवं कन्या भोज के आयोजनों के बाद देवी दिवालों में स्थापित किये गये जवारों का विसर्जन कर दिया जायेगा। वहीं कल विजयादशमी पर प्रतिमाओं के विसर्जन के साथ दुर्गोत्सव का भी समापन हो जायेगा। इस साल शहर के मुख्य व उपनगरीय क्षेत्र के चल समारोह निकालें जायेंगे।अष्टमी के दिन माता रानी को अठवाई का भोग लगाकर माता से सुख समृद्धि और खुशहाली की प्रार्थना की गई और देर रात तक सड़कों पर चहल-पहल बनी रही। आज पर्व समापन की पूर्व संध्या से ही धार्मिक अनुष्ठानों की धूम के बीच देवी दर्शनों के लिए सड़कों पर अपार जनसैलाब निकल पड़ेगा जो पिछले एक दो दिनों में किन्ही कारणोवश घरों से नहीं निकल पाये वे भी आज अंतिम मौके पर घरों से निकल पड़ेगे। इसके पूर्व कल अष्टमी को शहर में भारी चहल पहल रही कई स्थानों पर तो भीड़ का आलम यह था कि पैर रखने जगह नहीं थी। शहर के एक छोर से दूसरे छोर तक भीड़ ही भीड़ नजर आ रही थी। वाहनों की रैलम पैल रोकने के लिए जो व्यवस्थायें निर्धारित की गई थी उनका पूर्णत: पालन नहीं हो सका परिणाम स्वरूप कहीं-कहीं आवागमन में भारी अव्यवस्थायें हुई। मोटर साईकिलों में सवार युवकों ने संस्कृति व सभ्यता पर भी प्रश्न चिन्ह लगाये। बावजूद इसके शहर में सर्वत्र शांतिपूर्ण व्यवस्था बनी रही। नगर निगम द्वारा सड़कों की मरम्मत में बरती गई वंâजूसी के कारण राईट टाऊन, दमोहनाका से आईटीआई मार्ग रद्दी चौकी से अधारताल, ठक्करग्राम इन मार्गों से निकले श्रद्धालुओं ने निगम की व्यवस्थाओं को जमकर कोसा। बहरहाल कल शहर में भारी भीड़भाड का माहौल रहा।

उपनगरीय क्षेत्रों में सर्वाधिक भीड़ सदर में रही यहां सदर मुख्य मार्ग के दोनों और का मार्ग बंद कर दिये जाने से दुपहिया वाहन चालकों को न केवल परेशानी का सामना करना पड़ा वरन उन्हें अपना मन मसोसकर भी लौटना पड़ा। यहां चारो तल अवैध सायकल वाहन स्टैण्ड लगाये गये थे जिनके संचालकों ने जमकर अभद्रता की। सदर काली मंदिर की और जाने वाली गलिया भी बंद रही। चौपाया वाहनों के प्रवेश पर रोक तो समझ आती है लेकिन दुपहिया वाहनों के प्रवेश पर निषेध का निर्णय व्यवहारिक समझ नहीं आया है आज भी यही स्थिति रही तो लोग इस अदूरदर्शी व औचित्यहीन निर्णय को कोसते नजर आयेगे पार्विंâग और यातायात व्यवस्था के इस दोष से दर्शनार्थियों में आक्रोश का वातावरण बना रहा वही सदर जहां सुबह तक रैलम पैल मची रहती थी। वहां सड़के मध्य रात्रि में ही खाली-खाली सी नजर आने लगी थी। बहरहाल कल श्रद्धालुओं ने रतजगा किया। एक छोर से दूसरे छोर तक देवी दर्शनों के लिए जनसमूह विचारण करता रहा। पारिजात बिल्ंिडग के समीप हवा में ऊँचाई पर विराजी माता रानी की झांकी देखने के लिए लंबी लंबी कतारे लगी रही। गोराबाजार में देखने भी लोग कतारों में खड़े रहे। बंगाली क्लब गुलौआ चौक, गोरखपुर आमनपुर, घमापुर बाई का बगीचा, गढ़ाफाटक, संजीवनी नगर, आमनपुर, इधर रांझी के जीसीएफ इस्टेट, गोकलपुर, सिविल लाईन आदि क्षेत्रों में भारी भीड़ भाड़ रही।

परम्परागत प्रतिमाएं भी कम नहीं

आधुनिकता और हर साल नये नये प्रयोग कर झांकियों को तैयार करने वाली समितियां ही अकेली चर्चित नहीं है। परंपरागत तरीके से हर साल एक सा प्रदर्शन करने वाली समितियों की पहचान भी खासी हैं। इसी तरह गढ़ाफाटक की वृहद महाकाली और छोटी महाकाली का भी अपना एक विशेष महत्व हैं। यहां दर्शन किये बगैर लोग नहीं रहते। इन स्थानों के प्रति लोगों में वो आस्था है कि १२ महीनें श्रद्धालु माँ के बैठने के स्थल को नमन् करने नियम से जाते हैं। घमापुर बाई का बगीचा, न्यू बस स्टेण्ड, सिटी बंगाली क्लब, गोपाल बाग दरहाई कोतवाली बड़ा मैदान कमानिया और भूमि की तलैया व खटीक मोहल्ला सराफा में भी परम्परागत तरीके से स्थापित की जाने वाली प्रतिमाओं के दर्शनार्थ भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचते हैं।

उपनगरीय क्षेत्र भी पीछे नहीं

उपनगरीय क्षेत्रों में दुर्गोत्सव पर सदर का अपना एक अलग जलवा रहता हैं। हर साल कुछ नयापन लाना यहां की विशेषता है। इस बार भी ऐसा ही हुआ हैं। नई-नई झांकिया सदर मेन रोड़ के साथ ही सदर गलियों में प्रस्तुत की गई हैं। जिन्हें देखने दूर दूर से लोग आते है और रात में दिन जैसा नजारा यहां दिखाई पड़ता हैं।

गढ़ा में धूमधाम

उपनगरीय क्षेत्र गढ़ा में भी दुर्गोत्सव की धूमधाम शहर से कम नहीं रहती हैं। गुलौआ चौक, संजीवनी नगर, गढ़ा बजरिया त्रिपुरी चौक और वहां से लौटने पर देवताल महानद्दा गोरखपुर होते हुए लोग सदर पहुंच जाते हैं। गढ़ा से सदर और सदर से गढ़ा की दूरी चलते चलते लोगों को समझ नहीं आती हैं। हर चार कदम में गूंजते देवी गीत रोशनी से नहाई सड़के लोगों को रात गहराते का अहसास नहीं होने देती।