Jabalpur Holi News: होली का त्यौहार नजदीक आते ही बाईकर्स ग्रुप पुलिस के लिये चुनौती बन गये है। शहर में लंबे समय से बाईकर्स के खिलाफ पुलिस कार्रवाई नहीं होने से बाईकर्स लफंगों का आतंक बढ़ गया है। ६-६, ७-७ गाड़ियों के ग्रुप में बेलगाम रफ्तार और तीन-तीन सवारी, मोबाइल पर बात कर वाहन ड्राइव करना आदत में शुमार हो गया है। बाईकर्स के सर्कस से सड़कों पर चलने वाले लोग बेवजह दुर्घटना का शिकार हो रहे है। रफ्तार पर तो कोई लगाम है ही नहीं। लफंगों और शरीफों के बीच अंतर भांपकर पुलिस को मुहिम चलानी होगी, तभी आवारगर्दी करने वालों पर लगाम कसेंगी। जनापेक्षा है कि बाईकर्स सवार लफंगों के खिलाफ भी पुलिस ऑपरेशन चलाया जायें।
फिर बढ़ा बाईकर्स का आतंक
शहर के गली कूचों से लेकर मुख्य मार्गों पर बाईकर्स सवार फिर से सर्कसिया करतब दिखाने लगे हैं और पुलिस फिर मूकदर्शक की भूमिका में आ गई। शहर का मुख्य मार्ग हो या तंग गलियां आम आदमी का चलना मुश्किल हो रहा है। ३-३ सवारी लदकर एक हाथ में मोबाईल और दूसरे हाथ में एक्सीलेटर दबाकर लहराते हुये वाहन चलाने वालों से पैदल चलने वाले बुजुर्ग व महिलायें तंग हो गई हैं। गंजीपुरा चौक, सुपर बाजार, नौदरा ब्रिज, बल्देवबाग, दमोहनाका, होमसाइंस कॉलेज रोड में हाल ही में दो-तीन दिनों में बाईकर्स सवारों के सर्कसिया करतब को लेकर अप्रिय स्थितियां निर्मित हुई। इसी प्रकार गढ़ा, नागपुर रोड, सिविक सेंटर, करमचंद चौक, रानीताल गढ़ाफाटक रोड के आसपास भी बाईकर्स सवारों ने जमकर आतंक मचाना आरंभ कर दिया है। जनापेक्षा है कि पुलिस एक बार फिर आवारागर्दी करने वालों के अराजकता से निपटने के लिये अभियान चलाये।
ई-चालान से बचने फर्जी नंबर
यूं तो शहर में बिना नंबर के कई वाहन चल रहे है। ई-चालान से बचने लफंगों ने अपने वाहनों में एक-एक नंबर फर्जी डलवा लिये है, ताकि ई-चालान से बचा जा सके। दरअसल पुलिस को सिर्फ चालान करने से मतलब रहता है वाहन चोरी का है या बिना नंबर का इससे कोई सारोकार नहीं, कम से कम होली में बिना नंबर के वाहन जब्त ही कर लेना चाहिए।