जबलपुर Dushera News। नवीन महाकाली विकास युवा संस्था बड़ी महाकाली पड़ाव चौक जगदीश मंदिर लिंक रोड (लटकारी पड़ाव) की भव्य काली की प्रतिमा का विसर्जन रविवार ०९ अक्टूबर शरद पूर्णिमा के दिन किया जायेगा। विसर्जन यात्रा आज ०८ अक्टूबर को शाम ४ बजे प्रारंभ होगी और जिसके विसर्जन स्थल ग्वारीघाट पहुंचने में करीब १८ घंटे का समय लगेगा और दूसरे दिन सुबह ७-८ बजे प्रतिमा का विसर्जन हो पाएगा। पिछले ६७ वर्षाें से भव्यता और आस्था व चमत्कार का इतिहास संजोए यह प्रतिमा लाखों और करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था का केन्द्र है। इस प्रतिमा के प्रति लोगों की अटूट श्रद्धा का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि विसर्जन यात्रा में १८ घंटे का वक्त लग जाता है। छोटी लाईन फाटक से ग्वारीघाट तक करीब १ लाख लोग डग-डग पर पूजन-अर्चन करते हैं। लाखों की संख्या में नारियल भेंट किये जाते हैं। मां के भक्त जबलपुर में ही नहीं पूरे देश में हर साल शिर्डी सांई सेवा संस्थान द्वारा गुलाब की माला मातारानी के लिए भेजी जाती है। नागपुर से भक्तों द्वारा मखाने की माला प्रतिवर्ष आती है। जयपुर और गुजरात के लोग यहां आकर माता को चुनरी चढ़ाते हैं और उनके जूलूस में भी शामिल होते हैं।
समिति के एडवोकेट अखिल राज ने बताया कि सन १९५५ में प्रतिमा की स्थापना पहली बार की गई थी। उन्होंने कहा कि समिति अपने विधान के मुताबिक १३ दिन के लिए प्रतिमा की स्थापना करती है। समिति की विशेषता यह है कि इसमें अध्यक्ष उपाध्यक्ष नहीं होता। सभी सदस्यों का दर्जा एक समान है, और सभी माता की तन-मन-धन से सेवा करते हैं। विसर्जन जुलूस में गोरखपुर से ग्वारीघाट के बीच कम से कम १ लाख लोगों का सैलाब प्रतिमा के दर्शन पूजन करने उमड़ता है। श्रद्धालु जुलूस मार्ग की स्वयं सफाई करते हैं और धुलाई करते हौ। लाखों की तादाद में नारियल पूâटते है। माता का नींबू और भभूत पाने होड़ लगी रहती है। पंडा द्वारा भक्तों को दिया जाने वाला नीबू चमत्कारी होता है जिससे भक्तों की मनोकामना पूर्ण होती है। उन्होंने कहा कि महाकाली जबलपुर की महारानी के नाम से विख्यात हैं।
इस अवसर पर समिति के एडवोकेट अखिल राज, निज्जू बाबा, चंद्रा पांडे, अनिल रैकवार, रिंवूâ यादव, नीरज पटेल, राजा अग्रवाल, अनमोल पांडे, राजा पटेल, आनंद पटेल, अनिल तिवारी, आशीष पांडे, श्रेयश राज, अंश पाठक, सूर्यकांत दुबे, लक्ष्मण नामदेव, जगदीश चौधरी, आदि ने माता के दर्शन लाभ लेने की अपील की है।