ऑस्ट्रेलिया के पूर्व कप्तान मार्क टेलर ने कहा है कि अब चयनकर्ताओं को खराब प्रदर्शन कर रहे सलामी बल्लेबाज डेविड वार्नर के भविष्य पर फैसला लेना होगा। वार्नर दूसरे टेस्ट में चोटिल होने के बाद इस सीरीज से बाहर हो गये हैं। भारत दौरे के दोनो ही मैच में वह रन नहीं बना पाये जिसके कारण उन्हें टीम से बाहर करने की मांग तेज हो गयी है। वार्नर को बाहर करने की मांग करने वालों के अनुसार वह टीम को वैसी शुरुआत नहीं दे पाए जिसकी उन्हें जरूरत थी। ऑस्ट्रेलिया का अगला टेस्ट दौरा संभावित विश्व टेस्ट चैम्पियनशिप (डब्ल्यूटीसी) फाइनल के अलावा एशेज के लिए इंग्लैंड दौरा होगा, जहां वार्नर का औसत केवल 26.04 है। वहीं साल 2019 में भी उनका औसत केवल 9.5 था। टेलर ने कहा, कि वार्नर के इस प्रदर्शन को देखते हुए हमें भविष्य की ओर देखना चाहिये। वहीं वार्नर के विकल्प के तौर पर रखे गये। मैथ्यू रेनशॉ को भी अब तक रनों के लिए जूझना पड़ा है। टेलर ने कहा, मेरा मानना है कि यह चयनकर्ताओं के लिए निर्णय लेने का समय है। चाहे वह डेविड वार्नर हो या कोई अन्य खिलाड़ी।
सिडनी मैच के बाद वार्नर को ले लेना था संन्यास : पोंटिंग
ऑस्ट्रेलियाई क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान रिकी पोंटिंग ने कहा है कि सलामी बल्लेबाज डेविड वार्नर को इस साल की शुरुआत में ही सिडनी में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ हुए टेस्ट मैच के बाद संन्यास ले लेना चाहिये था। वार्नर उसके बाद से ही रन नहीं बना पाने के कारण आलोचनाओं का शिकार हुए थे। भारत दोरे के पहले दो मैचों में भी वह रन नहीं बना पाये। वार्नर को दूसरे टेस्ट में चोटिल होने के बाद स्वदेश वापस लौटना पड़ा है। उन्होंने कहा, देखो, मैं कुछ दिन पहले ऑस्ट्रेलिया में पर था और मुझे लगा कि वॉर्नर के रिटायर होने का यही सबसे अच्छा समय था, अगर वह इसके बारे में सोच रहे थे, तो सिडनी टेस्ट मैच के बाद संन्यास ले सकते थे। उन्होंने मेलबर्न में अभी अपना 100वां टेस्ट खेलते हुए पहली पारी में 200 रन बनाए थे। एक कार्यक्रम में पोंटिंग ने कहा, कौन जानता है कि वॉर्नर के लिए फिर से ऐसा मौका न आए। वार्नर साल 2022 से ही रनों के लिए संघर्ष करते रहे हैं। उन्होंने 14 मैचों में 26.39 की औसत से केवल 607 रन बनाए, जिसमें पिछले साल दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ बॉक्सिंग डे टेस्ट में लगाया दोहरा शतक भी शामिल था।