Cricket Memories: भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच के मुकाबले हमेशा दिलचस्प होते हैं। भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मुकाबले को हर कोई देखने के लिए उत्साहित ही रहता है। हालांकि, एक वक्त था जब ऑस्ट्रेलिया की टीम का दबदबा पूरे विश्व पर था। ऑस्ट्रेलिया की टीम बेहद मजबूत मानी जाती थी। लेकिन 14 मार्च 2001 का दिन भारतीय क्रिकेट के इतिहास के लिए स्वर्णिम दिन रहा है। यह वही दिन था जब टीम इंडिया ने ऑस्ट्रेलिया का गुरूर तोड़ा था। दरअसल, इसी दिन राहुल द्रविड़ और वीवीएस लक्ष्मण ने कोलकाता के ईडन गार्डेंस में खेले जा रहे टेस्ट मुकाबले में एक ऐसी साझेदारी की थी जिसके बाद भारत का परचम क्रिकेट की दुनिया में जबरदस्त तरीके से लहराया। इसी मुकाबले के बाद लक्ष्मण वेरी वेरी स्पेशल हो गए तो द्रविड़ को द वॉल का खिताब दिया गया।
भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच कोलकाता में दूसरा टेस्ट मुकाबला खेला जा रहा था। दूसरे टेस्ट के चौथे दिन परिस्थितियां भारत के बिल्कुल भी अनुकूल नहीं थी। टीम इंडिया अपना पहला मुकाबला हार चुकी थी। कोलकाता में फॉलोऑन खेल रही थी। जब तीसरे दिन का खेल समाप्त हुआ तो भारत का स्कोर 4 विकेट पर 254 रन था और वह ऑस्ट्रेलिया से अभी भी 20 रन पीछे था। यानी कि टीम इंडिया हार के दहलीज पर खड़ी थी। लेकिन उसी समय विभिन्न लक्ष्मण और राहुल द्रविड़ ने एक ऐसी साझेदारी निभाई जो नया कीर्तिमान हो गया। तीसरे दिन का खेल समाप्त होने तक वीवीएस लक्ष्मण 109 रन बनाकर क्रीज पर खेल रहे थे जबकि राहुल द्रविड़ 155 गेंदों में 7 रन बनाकर नाबाद रहे थे।
लेकिन चौथे दिन जो कुछ भी हुआ वह अपने आप में आज भी इतिहास है। चौथे दिन भारत ने एक भी विकेट नहीं खोया और इसको 589 पर 4 रहा। पांचवें विकेट के लिए लक्ष्मण और द्रविड़ के बीच 357 रनों की साझेदारी हुई। वीवीएस लक्ष्मण ने 281 रनों की आवश्यक पारी खेली जबकि द्रविड़ ने 180 रन बनाए। भारत ने अपनी पारी को 657 रनों पर घोषित कर दिया। ऑस्ट्रेलिया को इस मैच को जीतने के लिए 384 रन बनाने थे। हरभजन सिंह की गेंदबाजी की कमाल के बदौलत भारत यह टेस्ट मुकाबला 171 रनों से जीतने में कामयाब रहा। ऑस्ट्रेलिया की पूरी टीम ऑल आउट हो गई।