Bhopal News: गले में हल्की खराश, दर्द और छाले की हो रही शिकायत

Bhopal News। बदलते मौसम में गले का संक्रमण हावी हो रहा है। राजधानी के सरकारी अस्पतालों में रोजाना गले में हल्की खराश, दर्द और छाले की शिकायत वाले मरीज पहुंच रहे हैा इनकी संख्या प्रतिदिन 150-200 मरीज बताई जा रही है। यह शिकायत एक-दो हफ्ते तक परेशान कर रही है। हमीदिया व जयप्रकाश अस्पताल में रोज इस संक्रमण से पीड़ित मरीज पहुंच रहे हैं। इसके अलावा एम्स के साथ-साथ छोटे अस्पतालों में भी इस बीमारी से पीड़ित मरीजों की संख्या बढ़ रही है।

चिकित्सकों के मुताबिक इसे फैरिन्जाइटिस कहते हैं, जो बदलते मौसम में जकड़ सकती है। ऐसे में लोगों को बिना चिकित्सा सलाह के एंटीबायोटिक दवाओं के उपयोग से बचना चाहिए। इधर एम्स की ओपीडी में बुखार के मरीज इस तरह के संक्रमण की शिकायत के साथ पहुंच रहे हैं। फैरिन्जाइटिस का मुख्य कारण वायरस है, लेकिन कभी-कभी बैक्टीरियल इंफेक्शन की वजह से भी यह समस्या हो सकती है। इसके अलावा सेकेंड-हैंड स्मोक और साइनस संक्रमण के कारण भी यह बीमारी हो सकती है।गले में दर्द होना, खाना निगलने में दर्द, सूजन और गले में खराश होना फैरिंजाइटिस के प्रमुख लक्षण हैं। आयुर्वेद चिकित्सक डा. मनोज किरार ने बताया इस संक्रमण के दौरान घर के उपाय करना भी फायदेमंद होता है। पानी को गुनगुना कर लें और इसमें नमक मिलाकर गरारे करें। इसे दिन में तीन बार करने से गले की सूजन कम होगी और दर्द में राहत मिलेगी।

अदरक का प्रयोग करें..

आप चाहें तो पानी में अदरक को उबालकर पी सकते हैं या फिर अदरक के टुकड़े को चूसना भी फायदेमंद होगा। चाय में अदरक का प्रयोग जरूर करें। हल्के गर्म पानी में नींबू की कुछ बूंदें निचोड़कर इस पानी को पिएं। यह काफी आराम देगा। आप चाहें तो इसमें शहद भी मिलाकर पी सकते हैं। मुलेठी और दालचीनी को चूसने से भी गले की इस समस्या में आराम दे सकता है। चाहें तो गर्म पानी या चाय के साथ भी इसका इस्तेमाल कर सकते हैं। गुनगुने पानी में हल्दी डालकर पीने से भी लाभ मिल सकता है। इसके अलावा लहसुन का प्रयोग भी आपके गले की सूजन और दर्द को कम कर सकता है। इस बारे में हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक डा. आशीष गोहिया का कहना है कि हमीदिया अस्पताल में आने वाले मरीजों में करीब 200 मरीज ऐसी ही शिकायत के साथ पहुंच रहे हैं। यह बड़ी संख्या है, वहीं मरीजों को ठीक होने में 10 से 15 दिनों का समय लग रहा है। वहीं जेपी अस्पताल के सिविल सर्जन, डा. राकेश श्रीवास्तव का कहना है कि रोज 150 से अधिक मरीज पहुंच रहे हैं। इनका बुखार जाने में थोड़ा समय लग रहा है। ऐसे मरीजों को समय पर इलाज करा लेना चाहिए, ताकि जल्द आराम मिल सके।

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