Bhopal Sports News । मध्यप्रदेश में शिक्षा के साथ खेल को बढ़ावा देने पर शिवराज सरकार लगातार जोर दे रही है, लेकिन जमीन पर हालात बिल्कुल अलग है। सिर्फ भोपाल जिले में ही 991 प्राथमिक, माध्यमिक व हायर सेंकंडरी स्कूल हैं। इसमें से महात्मा गांधी व राजा भोज हायर सेकंडरी स्कूल के पास ही खेल मैदान है। इनमें से राजा भोज स्कूल का खेल मैदान पूरी तरह से बेकार हो चुका है, इसकारण इसमें प्रतियोगिताएं कराना संभव नहीं है। वहीं महात्मा गांधी स्कूल में सीएम राइज के तहत नया भवन बनाना प्रस्तावित है, जिसके कारण यह भी उक्त प्रतियोगिताओं के लिए उपलब्ध नहीं है। इसके अलावा भोपाल जिले के 991 स्कूलों में 4.12 लाख विद्यार्थी हैं, जिन पर केवल 11 खेल शिक्षक ही हैं। इधर प्रदेश की बात करें, तब करीब एक लाख 22 हजार सरकारी स्कूलों में 758 खेल शिक्षक हैं, लेकिन इनमें से भी ज्यादातर के पास खेल मैदान नहीं है, जबकि खेलकूद शिक्षकों के 1742 पद खाली पड़े हैं। यह स्थिति तब है, जब राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत खेल को अनिवार्य किया गया है।
स्कूल शिक्षा विभाग खेल पर सालना छह करोड़ रुपये बजट खर्च करता आ रहा है, तब भी स्कूलों में खेल मैदान, खेल शिक्षक के साथ-साथ कोई संसाधन नहीं हैं। उल्लेखनीय है कि कोरोना काल के बाद अभी हाल में लोक शिक्षण संचालनालय (डीपीआइ) ने प्रदेशभर के सरकारी स्कूलों में करीब साढ़े चार करोड़ रुपये का खेलकूद का सामान बांटा गया, लेकिन यह भी पर्याप्त नहीं हैं। विद्यार्थियों के अनुपात के हिसाब से स्कूलों में खेलकूद के सामान उपलब्ध नहीं है।
हाल ही में हुआ खेलों इंडिया: हाल के दिनों में राजधानी में राष्ट्रीय स्तर का खेलों इंडिया प्रतियोगिता का आयोजन हुआ था। जिसमें प्रदेश सहित पूरे देश के खिलाड़ियों ने भाग लिया था। इसके बाद भी प्रदेश के स्कूलों में मैदान और खेल शिक्षकों की कमी इस ओर इशारा करती हैं कि सरकार के स्तर पर बाते बड़ी-बड़ी होती हैं, लेकिन जमीन पर इसका अमल होता बिल्कुल दिखाई नहीं देता हैं।
मुख्यमंत्री कह चुके खेलों को बढ़ावा देने की बात: प्रदेश के मुखिया श्री चौहान कई मौकों पर कह चुके हैं कि प्रदेश में खेलों को बढ़ावा दिया जाएगा। इसके साथ ही प्रदेश के खिलाड़ियों को अपना हुनर दिखाने का मौका भी दिया जाएगा।