Congress Election, Shashi tharoor bayan। कांग्रेस में असंतुष्टों को लेकर जी-23 समूह की चर्चा को लेकर अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने सोमवार को हैदराबाद में पत्रकारों से कहा कि पार्टी में कोई जी-23 समूह नहीं है और दावा किया कि यह सब मीडिया का विचार था। उन्होंने कहा, ‘जहां तक मैं आपको बता सकता हूं, पार्टी के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने एक पत्र लिखा। उन्होंने बड़ी संख्या में लोगों को समर्थन देने के लिए आमंत्रित किया। मुझे बताया गया कि उन्होंने 100 से अधिक लोगों से फोन पर संपर्क किया था। हुआ यूं कि 2020 में कोविड लॉकडाउन चल रहा था और उस वक्त दिल्ली में सिर्फ 23 लोग ही उपलब्ध थे। यह 100 भी हो सकता था या और ज्यादा भी। लेकिन हस्ताक्षर करने के लिए 23 नेता ही दिल्ली में मौजूत थे, तो यह 23 ही रहा। बस इतनी बात थी।’
शशि थरूर की यह प्रतिक्रिया भाजपा नेता अमित मालवीय की उस टिप्पणी के बाद आई है, जिसमें उन्होंने कहा था कि जी-23 ने मल्लिकार्जुन खड़गे के लिए अपने साथी शशि थरूर को छोड़ दिया। अमित मालवीय ने ट्वीट किया था, ‘ऐसा लगता है, जी-23 ने शशि थरूर को छोड़ दिया है। असंतुष्ट समूह के प्रमुख नेताओं ने थरूर के बजाय कांग्रेस अध्यक्ष के लिए मल्लिकार्जुन खड़गे का नाम प्रस्तावित किया, जबकि शशि उनमें से ही एक हैं। कांग्रेस के राज्य कार्यालयों के दरवाजे थरूर के लिए बंद होने की कहानियां कितनी जल्दी सियासी गलियारों में घूमने लगी हैं?’
क्या है जी-23 ?
जी-23 कांग्रेस के ‘असंतुष्ट समूह’ के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला शब्द है, जिसने 2020 में कांग्रेस पार्टी में कुछ जरूरी सुधारों की जोरदार पैरवी की थी और सोनिया गांधी को इस संबंध में एक पत्र लिखा था। पत्र में 23 सांसदों के इस समूह ने कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष से पार्टी के लिए एक मजबूत और फुट टाइम प्रेसिडेंट की मांग की थी। कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के बारे में आगे बोलते हुए थरूर ने कहा, ‘यह इलेक्शन इस बारे में है कि कैसे कांग्रेस को सत्तारूढ़ दल भाजपा का मुकाबला करने के लिए अच्छी तरह से तैयार होना चाहिए।’
खडगे से है सीधा मुक़ाबला
शशि थरूर ने कहा, ‘हम 2 आम चुनाव हार गए हैं…हमें एक नए सिरे से मजबूत कांग्रेस पार्टी की जरूरत है, जहां यह भाजपा की चुनौती का मुकाबला करने के लिए प्रभावी ढंग से एकजुट हो सके।’ शशि थरूर ने 28 सितंबर को कांग्रेस अध्यक्ष चुनाव के लिए नामांकन दाखिल किया था। दिग्विजय सिंह और अशोक गहलोत के दौड़ से बाहर होने के बाद मल्लिकार्जुन खड़गे उनके मुख्य प्रतिद्वंद्वी हैं। ऐसा माना जा रहा है कि खड़गे चूंकि गांधी परिवार के समर्थन से अध्यक्ष पद का चुनाव लड़ रहे हैं, इसलिए वही सोनिया गांधी के उत्तराधिकारी होंगे। उनके नामांकन के दौरान जी-23 के लगभग सभी वरिष्ठ नेता मौजूद रहे थे।