दिन के 24 घंटों में यदि औरतें खुद के लिए एक घंटे का समय निकाल लें तो ऐसा करने से वह न सिर्फ बीमारियों से दूर रहेंगी बल्कि घर और बच्चों को भी अच्छे तरीके से देख सकेेंगी। और वह न सिर्फ अपने आपको रिलेक्स महसूस करेंगी बल्कि खुषी भी महसूस करेंगी।
थ्कसी ने कहा है कि ‘ आपके स्वास्थ्य और बैंक के खाते एक जैसे होते हैं;आप उनमें जितना डालते हैं उतना ही निकाल सकते हैं।‘ अगर आप अपने स्वास्थ्य के लिए कुछ नहीं करेंगी, तो स्वस्थ कैसे रहेंगी?शादी के बाद मेरी पत्नि को कभी वयायाम या पोश्टिक तत्वों की ज़रूरत महसूस नहीं हुई। बच्चे होने के बाद उनके पास खुद के लिए समय ही नहीं रहता था। जब बीमारियां हुई, तब कहीं जाकर पत्नि के दिमाग की बत्ती जली और उन्होंने संकल्प लिया कि हर दिन एक घंटा अपने शरीर के लिए निकालेंगी। तब से नियम पूर्वक योग प्राणायाम करती हैं। और पोश्टिक आहार लेतीं हैं।
यह मेरी पत्नि की ही नहीं, ज़्यादातर भारतीय महिलाओं की कहानी है। वे घर परिवार के कामकाज में इतनी उलझ जाती हैं अपने शरीर और स्वास्थ्य पर ध्यान देना भूल जाती हैं।वे सबका ध्यान रखती हैं, बस अपना ही ध्यान नहीं रख पाती । याद रखें ‘पहला सुख निरोगी काया’ इसलिए 23 घंटे बाकी कामों के लिए 1 घंटा अपने शरीर के लिए ‘योग प्राणयाम – वयायाम आादि’
डॉ.कैनेथ कूपर ने कहा है…
‘ हम बूढ़े होने के कारण वयायाम नहीं छोड़ते- हम बूढ़े ही इसलिए होते हैं, क्योंकि हम वयायाम छोड़ देते हैं।
शिल्पा शेट्टी सप्ताह में पांच दिन वर्कआउट करती है और छह दिन डाइट प्लान पर चलती हैं, इसी कारण वे 47 साल की उम्र्र में भी फिट दिखती हैं। यानी अगर अच्छा स्वास्थ्य और फिटनेस चाहिए, तो वयायाम और पोश्टिक आहार अनिवार्य हैं। अपने शरीर की परवाह करना आपका कर्तव्य है,क्योंकि यही अंत तक आपका साथ देगा।
इसलिए 23 घंटे बाकी कामों के लिए,1 घंटा अपने शरीर के लिए।