Side Effects of Lipstick लिपस्कि को महिलाओं का बेस्ट फ्रेंड कहना गलत नहीं होगा। वे जहां भी जाती हैं उनके पर्स या हैंडबैग में यह मिल ही जाता है।
नई दिल्ली, लाइफस्टाइल डेस्क। Side Effects of Lipstick: लिपस्टिक महिलाओं के मेकअप रूटीन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। यहां तक कि वे जब कोई मेकअप नहीं भी करती हैं, तब भी होठों पर लिपस्टिक की थोड़ी सी झलक देखने को मिल ही जाती है। इससे वे खुद को सजी-धजी और सुंदर मानने लगती हैं। वहीं, लिपस्टिक लगाने से होंठ हाईलाइट होने लगते हैं, जिससे महिलाओं का कॉन्फिडेंस बढ़ जाता है। हालांकि, हर रोज इसका इस्तेमाल त्वचा के लिए हानिकारक हो सकते हैं। वहीं, लिपस्टिक से अधिक खतरा होता है क्योंकि उन्हें मुंह के पास लगाया जाता है और इसमें मौजूद कोई भी हानिकारक पदार्थ आसानी से शरीर के अंदर जा सकते हैं।
आम धारणा के मुताबिक लिपस्टिक जितनी महंगी और बड़े ब्रांड की होती है उसे उतना ही सुरक्षित माना जाता है क्योंकि वे कई तरह के क्वालिटी टेस्ट को पास करके निकलते हैं। दूसरी ओर लोकल या फिर कम लोकप्रिय बांड्स जांच से होकर नहीं गुजरते हैं, जिससे उनमें हानिकारक पदार्थ के इस्तेमाल होने का खतरा बढ़ जाता है और आगे चलकर यही कैंसर जैसी गंभीर बीमारियों का खतरा बन सकते हैं।
इस्लाम मज़हब में स्वर की चर्बी हराम है। क्युंकि वह इंसानों के लिए नुकसानदायक हैं। इस बात का एलान आज की साइंस कर रही है। स्वर की चर्बी यानी pig fat इंसान कीbody temprature पर नहीं पिघलती इस लिए इसे उस में डाला जाता है और दूसरे जानवरों की चर्बी human body tempreture पर पिघल जाती है। तो जो भी मुसलमान औरत इसे खरीदे वह पहले इसको चैक कर ले।
लिपस्टिक खरीदते वक्त किन बातों का ध्यान रखें?
1.पैराबेन: पैराबेन प्रिजर्वेटिव होते हैं, जिनका इस्तेमाल आमतौर पर लिपस्टिक के अलावा भी कई दूसरे कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स में किया जाता है। हालांकि, पैराबेंस एस्ट्रोजेन की की तरह संभावित रूप से हार्मोनल बैलेंस को बिगाड़ सकते हैं। कुछ अध्ययनों में पैराबेंस को स्तन कैंसर और फर्टिलिटी से जुड़ी समस्याओं से भी जोड़ा गया है। इसलिए कोशिश करें कि पैराबेन-फ्री लिपस्टिक को चुनें।
2.एलर्जी: आमतौर पर लिपस्टिक में पाए जाने वाले कुछ इंग्रीडिएंट्स एलर्जी का कारण बन सकते हैं, जिसमें फ्रैग्रेंस, लैनोलिन और कुछ कलर शामिल हैं। राहुल कहते हैं कि लिपस्टिक चुनने से पहले अपनी एलर्जी के बारे में जरूर जान लें और खरीदने से पहले प्रोडक्ट के लेबल की जांच जरूर कर लें।
3. भारी मेटल: कुछ लिपस्टिक में लीड, कैडमियम और मर्करी जैसे हेवी मेटल्स की मात्रा शामिल हो सकती है। ये मेटल्स स्वास्थ्य के लिए जोखिम पैदा कर सकते हैं, खासकर अगर समय के साथ इसे निगल लिया जाए तो। इसलिए ऐसा लिपस्टिक चुनें, जो हेवी मेटल्स टेस्टिंग से गुजरे हों।
4.पेट्रोकेमिकल्स: कुछ लिपस्टिक में पेट्रोलियम-युक्त तत्व होते हैं, जैसे मिनरल ऑयल या पेट्रोलियम। हालांकि, एक तरफ ये इंग्रीडिएंट्स होठों को नमी देने में मदद कर सकते हैं, लेकिन लंबे समय तक इसके इस्तेमाल के प्रभाव को लेकर बहस जारी है। अगर आप पेट्रोलियम-बेस्ड प्रोडक्ट्स से बचना चाहते हैं, तो ऐसी लिपस्टिक की तलाश करें जिसमें प्लांट-बेस्ड ऑयल का इस्तेमाल किया गया हो।
5. वीगन: कुछ लिपस्टिक में कारमाइन का इस्तेमाल किया गया होता, जो जानवर की चर्बी से बनता है या कुचले हुए कीड़ों से प्राप्त किया जाता है। ऐसे में अगर आप शाकाहारी या क्रूएल्टी-फ्री जीवन शैली का पालन करते हैं, तो लिपस्टिक का इस्तेमाल करने से पहले इंग्रीडिएंट्स की लिस्ट को जरूर जांच लें या ऐसे प्रोडक्ट्स की तलाश करें जिन पर स्पष्ट रूप से शाकाहारी या क्रूएल्टी-फ्री का लेबल लगा हो।
लिपस्टिक के नियमित इस्तेमाल से क्या नुकसान होते हैं?
- लिपस्टिक में इस्तेमाल किए गए लीड से दिल और दिमाग पर नकारात्मक प्रभाव पड़ सकता है।
- लिपस्टिक में मौजूद प्रिजर्वेटिव से स्तन कैंसर हो सकता है।
- लिपस्टिक में मौजूद कैडमियम से किडनी फेल हो सकती है।
- गर्भावस्था के दौरान लीड जहरीला साबित हो सकता है।
- लीड से बच्चों में संक्रमण का खतरा बन सकता है।
- एल्युमीनियम से गंभीर स्वास्थ्य समस्या हो सकती है।
राहुल एस कनका कहते हैं कि, लिपस्टिक से कैंसर से होता है या नहीं यह अभी भी शोध का विषय है। इसलिए, अगली बार जब आप लिपस्टिक खरीदें तो इसमें मौजूद इंग्रीडिएंट्स की जांच कर लें।