sdpi kya hai. एसडीपीआई क्या है. sdpi per ban kyon nahi laga. एसडीपीआई पर बैन क्यों नहीं लगा. sdpi per kab hogi karwahi. एसडीपीआई पर भी होगी कार्यवाही. यह ऐसा सवाल हैं जिसको लेकर मीडिया, सोशल मीडिया में चर्चा हो रही है. बीते एक सप्ताह के घटनाक्रम में अंदाजा लगाया जा रहा था की पीएफआई के साथ एसडीपीआई पर भी कार्यवाही होगी. लेकिन एसडीपीआई के कार्यवाही से बचने पर लोगों के बीच चर्चा और उत्सुकता बन गई है.
बीते एक सप्ताह के घटनाक्रम में पापूलर फ्रंट ऑफ इंडिया चर्चा में रहा है. देश व्यापी धरपकड़ और छापों से शुरु हुआ अभियान बुधवार को पीएफआई और उसके सहयोगी संगठनों पर 05 साल के बैन के साथ खत्म हुआ. बीते एक सप्ताह से पीएफआई के साथ एक नाम जो सबसे अधिक चर्चा में रहा, वो था एसडीपीआई. सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (sdpi) को पीएफआई की राजनीतिक विंग कहा जाता है. माना जा रहा था की पीएफआई के साथ sdpi के पर भी प्रतिबंध लगेगा. पीएफआई सहित उसके सहयोगी संगठनों पर कार्यवाही तो हुई, लेकिन एसडीपीआई बच गई. जिसके बाद सोशल मीडिया पर एसडीपीआई चर्चा में आया है. जहां लोग एसडीपीआई पर बैन नहीं लगने पर अपनी हैरानी जता रहे हैं, वहीं इसकी वजह भी जानने का प्रयास कर रहे हैं.
एसडीपीआई क्या है| SDPI kya hai
दिल्ली में एक गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल के रूप में एसडीपीआई का गठन जून 2009 में किया गया था और 2010 में निर्वाचन आयोग के पास इसे पंजीकृत कराया गया. एसडीपीआई को प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की राजनीतिक शाखा माना जाता है. लेकिन एसडीपीआई इससे इंकार करता है॰ एसडीपीआई, 13 अप्रैल 2010 को भारत के चुनाव आयोग के साथ पंजीकृत किया गया था। वर्तमान एम के फैज़ी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।
एसडीपीआई से जुड़ी पूरी जानकारी के लिए इसे पढे : https://en.wikipedia.org/wiki/Social_Democratic_Party_of_India
एसडीपीआई बैन क्यों नहीं किया गया| SDPI per ban kyon nahi laga
फिलहाल यही माना जा रहा है की केंद्रीय गृह मंत्रालय ने पीएफआई की राजनीतिक शाखा एसडीपीआई यानी सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया को बख्श दिया है. तर्क दिये जा रहे हैं की एसडीपीआई को इसलिए बख्शा गया है, क्योंकि यह एक पंजीकृत राजनीतिक दल है, जो भारत के संविधान के प्रति निष्ठा की शपथ लेता है. लेकिन पीएफआई पर बैन के बाद एसडीपीआई नेताओं और उसके कैडरों द्वारा किए जाने वाले गैरकानूनी गतिविधियों के खिलाफ संभावित कार्रवाई के लिए रास्ते अब पूरी तरह खुल गये हैं. पीएफआई के बैन हो जाने के बाद एसडीपीआई के सदस्य पुलिस एवं खूफिया तंत्र के निशाने पर रहेंगे.
एसडीपीआई सदस्यों पर होगी कार्यवाही!
गृह मंत्रालय ने पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया और उसके अन्य सहयोगियों पर प्रतिबंध लगाने की अपनी अधिसूचना में विशेष रूप से उसकी राजनीतिक शाखा सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) को ‘गैरकानूनी संघ’ के रूप में नामित नहीं किया है. सूत्रों ने संकेत दिया कि कोई भी एसडीपीआई नेता या कैडर जो पीएफआई में भी सक्रिय रहा है या किसी भी गैरकानूनी गतिविधि में लिप्त है, उसे पीएफआई के किसी भी प्रतिबंधित संगठन के सदस्य के समान ही परिणाम और कार्रवाई का सामना करना पड़ेगा.
एसडीपीआई पर चुनाव आयोग करेगा कार्यवाही
एसडीपीआई एक पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दल है और हो सकता है कि गृह मंत्रालय से मिले इनपुट और प्रतिबंध की अधिसूचना के आधार पर चुनाव आयोग कोई उपयुक्त कार्रवाई करे. ऐसा इसलिए क्योंकि एसडीपीआई पहले से ही 2018-19 और 2019-20 में चंदा देने वालों की रिपोर्ट देने में विफल रहने की वजह से चुनाव आयोग के रडार पर है. हालांकि, इस दौरान उसने 5 करोड़ के चंदा मिलने की प्राप्तियां दिखाई, इसने दान देने वालों की पहचान नहीं बताई. निकट भविष्य मे sdpi पर चुनाव आयोग की कार्यवाही देखने को मिल सकती है।
पीएफआई बैन पर एसडीपीआई ने क्या कहा
एसडीपीआई की वेबसाइट पर डाले गए बयान में कहा गया कि सत्ता द्वारा अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, विरोध प्रदर्शन और संगठन की आजादी का दमन किया जा रहा है और यह भारतीय संविधान के मूल सिद्धांतों के खिलाफ है। बयान में कहा गया, ‘‘सरकार जांच एजेंसियों और कानून के दुरुपयोग से विपक्ष की आवाज को दबाना चाहती है और लोगों को असहमति के स्वर बुलंद करने से रोकना चाहती है। देश में स्पष्ट रूप से आपातकाल लागू है।’’
एसडीपीआई क्या है
एसडीपीआई को प्रतिबंधित पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) की राजनीतिक शाखा माना जाता है. लेकिन एसडीपीआई इससे इंकार करता है॰ एसडीपीआई, 13 अप्रैल 2010 को भारत के चुनाव आयोग के साथ पंजीकृत किया गया था॰
एसडीपीआई पर भी प्रतिबंध लगा है
नहीं पीएफआई के साथ प्रतिबंधित किये गये, उसके सहयोगी संगठनों में एसडीपीआई शामिल नहीं है.
एसडीपीआई का अध्यक्ष कौन है
वर्तमान एम के फैज़ी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं।