Jabalpur/ Bhopal News। लाडली बहना योजना के दावों, वादों और चर्चाओं के बीच योजना को जमीन पर उतारने वाला अमला बुधवार को अनिश्चित काली हड़ताल पर चला गया। गौरतबलब है योजना के जमीनी क्रियांवयन की मुख्य जिम्मेदारी महिला बाल विकास विभाग के परियोजना अधिकारी, पर्यवेक्षक, कार्यकर्ता, सहायिकाओं पर है और अपनी लंबित मांगों को लेकर बुधवार से अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले गए हैं। मैदानी अमले के हड़ताल पर चले जाने से बुधवार को जिले की करीब १३ सौ आंगनवाड़ियों में ताला लटका रहा। परियोजना कार्यालयों में भी हड़ताल का असर नजर आया। ऑफिस स्टाप तो आया लेकिन अधिकारी हड़ताल पर थे। वहीं दूसरी तरफ स्वास्थ्य विभाग की मैदानी कार्यकर्ता आशा और ऊषा भी बुधवार से हड़ताल पर चली गईं हैं। जमीनी अमले से जुड़े एकमुश्त इतने कर्मचारियों अधिकारियों के हड़ताल पर जाने से शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में सरकार योजनाएं बुरी तरह प्रभावित हैं।
हड़ताल कर रहे कर्मचारियों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें नहीं मान ली जातीं तब तक वे किसी भी कीमत पर काम पर नहीं लौटेने वाले। मोर्चा ने कहा है कि सामूहिक अवकाश पर जाने की सूचना विभाग के प्रमुख सचिव, संभागायुक्तों, कलेक्टरों और विभागीय अधिकारियों को दी जा चुकी है। इनके द्वारा पिछले साल भी २१ मार्च से २५ मार्च के बीच सामूहिक अवकाश लिया गया था और मंत्री के आश्वासन के बाद आंदोलन रोका गया था। अब इस साल अनिश्चितकालीन आंदोलन किए जाने की तैयारी है। संयुक्त संघर्ष मोर्चा द्वारा मुख्यमंत्री, मंत्री और विभाग के प्रमुख सचिव समेत अन्य जिम्मेदार पदाधिकारियों को ज्ञापन सौंपा गया और वेतन विसंगति, ग्रेड पे, टाइम स्केल, पदोन्नति, संविदा पर्यवेक्षकों के नियमितिकरण, विकास खंड महिला सशक्तिकरण अधिकारी का पदनाम बदलकर परियोजना अधिकारी किए जाने समेत अन्य मांगों पर कार्यवाही करने की मांग दोहराई गई।