Kashmir News: केंद्रीय गृहमंत्री Amit shah के जम्मू-कश्मीर दौरे से विधानसभा चुनाव की सरगर्मी बढ़ी

Kashmir News, Amit shah news, Bjp news। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के जम्मू-कश्मीर दौरे के बाद से सूबे में विधानसभा चुनाव की अटकले तेज हो गई है। परिसीमन पूरा होने के बाद जम्मू-कश्मीर में चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनाव कराने की तैयारियां शुरू कर दी हैं। वहीं प्रदेश में चुनाव की बात पर गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि चुनाव आयोग द्वारा संशोधित मतदाता सूची के प्रकाशन की कवायद पूरी करने के बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे। उन्होंने कहा कि हमने राजनीतिक प्रक्रिया शुरू कर दी है। मैं आपको विश्वास दिलाना चाहता हूं कि एक बार चुनाव आयोग द्वारा मतदाता सूची के प्रकाशन का काम पूरा किए जाने के बाद, पूरी पारदर्शिता के साथ चुनाव कराए जाएंगे और आपके अपने चुने हुए प्रतिनिधि यहां शासन करेंगे।

अब सवाल उठता है कि जम्मू-कश्मीर में कब चुनाव होंगे। जम्मू-कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में अगले साल फरवरी महीने के बाद ही चुनाव संभव है। दरअसल ठंड के मौसम में बर्फबारी की वजह से जम्मू-कश्मीर में दिसंबर, जनवरी और फरवरी महीने में चुनाव कराना असंभव है, इसीलिए अगर अक्टूबर, नवंबर में चुनाव नहीं होता है तो फिर फरवरी महीने के बाद चुनाव कराया जाएगा यानी मार्च महीने या इसके बाद।

जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव की तैयारियों के मद्देनजर इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) और वोटर वेरिफाइड पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) की प्रथम-स्तरीय जांच (एफएलसी) की जाएगी। घाटी के सभी 10 जिलों के उपायुक्त और भारत निर्वाचन आयोग का एक दल वर्कशॉप में भाग लेगा। एक अधिकारी ने बताया कि विधानसभा चुनाव के लिए तैयारी जारी है। हालांकि, चुनाव की तारीख की घोषणा निर्वाचन आयोग द्वारा की जाएगी। जम्मू-कश्मीर में नवंबर 2018 के बाद से विधानसभा नहीं है। पीडीपी-भाजपा गठबंधन सरकार के गिरने के बाद तत्कालीन राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने विधानसभा भंग कर दी थी। केंद्र और उपराज्यपाल प्रशासन कहता रहा है कि परिसीमन और अन्य चुनावी प्रक्रिया पूरी होने के बाद इस केंद्र शासित प्रदेश में विधानसभा चुनाव कराए जाएंगे। इस साल निर्वाचन क्षेत्रों की परिसीमन प्रक्रिया पूरी हो गई है और निर्वाचन आयोग ने पिछले महीने मतदाता सूची के पुनरीक्षण का कार्य प्रारंभ कर दिया है। वर्ष 2019 में जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा समाप्त किए जाने के बाद पहली बार यह प्रक्रिया की जा रही है।

अधिकारियों ने कहा कि ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि मतदाता सूची पुनरीक्षण कार्य पूरा होने के बाद चुनाव कराए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए तैयारियां जोरों पर हैं। अधिकारी ने कहा, “परिसीमन पूरा हो चुका है। मतदाता सूची पुनरीक्षण का काम चल रहा है और इसके जल्दी ही समाप्त होने की उम्मीद है। निर्वाचन आयोग ने संशोधित मतदाता सूची जारी करने के लिए 31 अक्टूबर की समयसीमा तय की है।” मतदान केंद्रों का ‘रेशनलाइजेशन’ भी किया जा रहा है और इस महीने इसके पूरा होने की उम्मीद है।

दरअसल हाल ही में 26 महीने की कवायद के बाद जम्मू-कश्मीर में विधानसभा और लोकसभा सीटों का परिसीमन किया गया है। जम्मू-कश्मीर में विधानसभा की कुल 90 सीटें हैं और पहली बार 9 सीटें अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित की गई हैं। इसके अलावा पहली बार जम्मू-कश्मीर की सभी 5 लोकसभा सीटों में बराबर-बराबर यानी 18-18 विधानसभा सीटों को रखा गया है। यानी एक लोकसभा क्षेत्र की सीमा में 18 विधानसभा सीटें होंगी। जम्मू क्षेत्र में 43 और कश्मीर क्षेत्र में 47 सीटें हैं। किसी भी एक विधानसभा क्षेत्र की सीमा को एक से अधिक जिले में नहीं रखा गया है।

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