Jabalpur Rang panchmi : रंग यात्रा से यादगार बनी शहर की रंगपंचमी

Jabalpur News, जबलपुर । बात जब रंग पंचमी की आती है तो इंदौर, उज्जैन, भोपाल की देश में अपनी पहचान रखते हैं। लेकिन पहली बार जबलपुर में रंगपंचमी पर कुछ ऐसा नजारा देखने को मिला जिससे शहरवासी देखते ही रह गये। चैत्र मास की पंचमी पर शहर के मध्य में निकली रंग यात्रा की चर्चा पूरे जिले में हुई। यह यात्रा जहां से गुजरी लोग इसका हिस्सा बनते चले गये। मिलौनीगंज से शुरु होकर छोटा फुहारा, गुड़हाई, कोतवाली, सराफा, बड़ा फुहारा, गंजी पुरा सुपर मावेैâट से होते हुये गोल बाजार में रंग यात्रा का समापन हुया। पूरे मार्ग में रंग गुलाल उड़ते रहे, यात्रा ने कुछ रंग बांधा की एक दूसरे के विरोधी भी साथ आते गये और एक दूसरे को गुलाल लगाते नजर आए। यात्रा मार्ग में जगह जगह गुलाल बम फोड़े गये। विभिन्न संगठनों ने ठंडाई छाछ जलजीरा से स्वागत किया। यात्रा के समापन स्थल पर परम्परारिक व्यंजनों पकवानों से सजा भोज का आयोजन किया गया। जहां फलाहारी चाट से लेकर गोल गप्पे, गुजिया, पुड़ियां सहित करीब २२ किस्म के खान पान की व्यवस्था रही। जहां बच्चे तो बच्चे बूढ़े भी अपने बचपन के दिनों में लौट गये। विधायक विनय सक्सेना की पहल पर शुरु हुई इस यात्रा में शहर के प्रमुख सामाजिक, धार्मिक, सांस्कृति संगठनों ने हिस्सा लिया और यात्रा को सफल बनाने में अपना योगदान दिया।

इतिहास एवं परम्पराओं का समायोजन

यह यात्रा संस्कारधानी की परम्पराओं से जुड़ी है। बताया जाता है कि दशकों पहले होलिका दहन की संध्या पर रसरंग बारात का आयोजन किया जाता था। फिर इसके बाद समय के साथ साथ यह बारात रसरंग महोत्सव में बदल गई, जिसे गुंजन कला सदन द्वारा शहीद स्मारक प्रेक्षा गृह में आयोजित किया जाने लगा। गुंजन कला सदन एवं अन्य साहित्यिक सांस्कृति संस्थाओं की प्रेरणा से इस बार उत्तर मध्य के विधायक विनय सक्सेना द्वारा रंग यात्रा के रूप में शुरु किया गया। पहले ही वर्ष में इस यात्रा का शहरवासियों ने खूब सराहा और इसकी तुलना इंदौर और उज्जैन की गेर यात्रा से की जाने लगी।

पूरे जिले में अलग अलग आयोजन

रंगपंचमी का त्यौहार शहर में हर्षोल्लास के साथ परम्परागत तरीके से मनाया गया। होली मिलन कार्यक्रम के साथ-साथ सांस्कृतिक आयोजनों की भरमार भी रंगपंचमी पर रही। कुछ मनचले नवयुवकों की टीम ने रंगपंचमी पर टोलियां निकालकर रंग गुलाल उड़ाया। वहीं कुछ स्थानों पर आर्वेâस्ट्रा तो कहीं हास-परिहास के कार्यक्रम आयोजित किये गये। कहीं फाग तो कहीं राई पर लोग झूमे। सिंधी समाज, गहोई समाज, अग्रहरि समाज, साहू समाज ने होली मिलन के रंगारंग कार्यक्रम आयोजित किये। सुबह से ही रंग-पंचमी पर हुर्रयारे युवकों की टोलियां शहर में भ्रमण करतीं रहीं। रंगपंचमी के अवसर पर होली मिलन के कार्यक्रम भी विभिन्न सामाजिक व सांस्कृतिक संगठनों ने आयोजित किये।

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