Jabalpur News, जबलपुर (ईएमएस)। सरकार एक तरफ लाडली बहना योजना की ब्रांडिंग करने में जुटी हुई है। लेकिन जिन बहनों और भाईयों को इस योजना को जमीन पर क्रियान्वित करना है वे ही सरकार से असंतुष्ट हैं। महिला बाल विकास विभाग का मैदानी अमला शुक्रवार को सामूहिक अवकाश पर रहा। परियोजना अधिकारी, सुपरवाइजर और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, सहायिका के अवकाश पर चले जाने से बच्चों को शुक्रवार को न नास्ता मिला और न ही मध्यान्ह भोजन। जिले की तेरह परियोजनाओं के दफ्तर भी सूने पड़े रहे। शुक्रवार को अपनी मांगों के समर्थन में परियोजना अधिकारी, सुपरवाइजर्स ने मुख्यमंत्री के नाम सामूहिकरूप से पोस्टकार्ड भेजे। गत गुरुवार को परियोजना अधिकारी, सुपरवाइजर्स के प्रतिनिधि मंडल ने मुख्यमंत्री के नाम संभाग आयुक्त, कलेक्टर और विभाग के संयुक्त संचालक को ज्ञापन सौंपकर अपनी मांग रखी थी। आंदोलन करने वालों का कहना है कि १४ तक मांगें नहीं मानी जातीं तो वे १५ मार्च से अनिश्चित कालीन अवकाश पर चले जाएंगे। अब यहां गौर करने वाली यह है की लाड़ली लक्ष्मी योजना का शुभारंभ ५ मार्च को है और १५ से योजना के फॉर्म भरे जाएंगे।
30 सालों से मांगें लंबित
परियोजना अधिकारी संघ का कहना है कि परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षक का देश में सबसे न्यूनतम वेतन मध्यप्रदेश में है तथा २०१८ से वेतनमान बढ़ाने के लिए फाइल वित्त विभाग के पास लंबित है। शासन के स्तर पर पर्यवेक्षक एवं परियोजना अधिकारी की वेतन विसंगति की मांग विगत ३० वर्षों से लंबित है, ३५ वर्ष की सेवा के उपरांत पर्यवेक्षक को तथा २५ वर्ष की सेवा के उपरांत परियोजना अधिकारी को पदोन्नति का लाभ नहीं मिल रहा है।जिस पर विगत ५ वर्षों से कोई संज्ञान नहीं लिया गया।
इस अवसर पर परियोजना अधिकारी संघ की जिला अध्यक्ष नेहा जैन एवं पर्यवेक्षक संघ की जिला अध्यक्ष अरुणा खरे, परियोजना अधिकारी राजकुमार बागरी, अनिल नामदेव, विक्रम सिंह, हेमलता ठाकुर, रजनी शुक्ला, आनंद तिवारी, संगीता पटेल, सुल्ताना खातून, पवन पटेल, द्रोपती, सुशीला शिवहरे, नम्रता तिवारी, त्रिवेणी मिश्रा, श्रीमती शशि गर्ग, उपमा श्रीवास्तव, शिवानी, किरण स्वर्णकार, स्मिता वर्मा, खालिदा बेगम, रजनी देवलिया, दीप्ति रावत, शशि सिंह, मीरा बाजपेयी, रश्मि त्रिपाठी, सुनीता सिंह चंदेल सहित समस्त परियोजना अधिकारी एवं पर्यवेक्षक शामिल रहीं।