जबलपुर न्यूज़। कोरोना काल के वर्षों में भी लगातार बिजली के रेट बढ़ाए और अब लगभग ४ प्रतिशत से रेट बढ़ाने का प्रस्ताव १५० से ३०० यूनिट बिजली की खपत के रेट का स्लैब हटाकर लाखों उपभोक्ताओं पर ऊँचे रेट के स्लैब वालें रेट लगाकर बिजली के बिल वसूलने का प्रस्ताव से पहले ही प्रदेश के बहुतांश बिजली उपभोक्ता परेशान है और अब ऊपर से १ जनवरी से ईधन चार्ज (फ्यूल कास्ट एडजस्टमेंट) प्रति यूनिट ३४ पैसे तक बढ़ाया गया है। इस तरह प्रदेश के डेढ़ करोड़ बिजली उपभोक्ताओं पर हर तरफ से आर्थिक बोझ डाला गया है। इसके विरोध में नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच वरिष्ठ नागरिक एसोसिएशन पेंशनर समाज सीनियर सिटीजन वेलफेयर एसोसिएशन महिला समिति पेंशनर्स एसोसिएशन तथा किसान समिति के सदस्यों ने आज घंटाघर के पास एकत्रित होकर प्रदर्शन किया।
प्रदेश सरकार चुप क्यों……?
डॉ.पीजी नाजपांडे ने बताया कि बिजली उपभोक्ताओं पर इतना भारी आर्थिक बोझ डाला जाने के बावजूद भी प्रदेश सरकार चुप क्यों? वास्तविकता में विद्युत अधिनियम की धारा १०८ के तहत में प्रदेश सरकार को अधिकार है कि जनहित में वह विद्युत नियामक आयोग को निर्देश दे सकती है। अत: आज विभिन्न संगठनों की ओर से कलेक्टर के माध्यम से मुख्यमंत्री शिवराज िंसह चौहान को ज्ञापन सौंपा गया। इस अवसर पर आरएस तिवारी डीपी दुबे सुभाष चंद्रा सुशीला कनौजिया माया कुशवाहा एचपी उरमलिया राजेश गिरदोनिया रवि भोमरा डीके दुबे आर.सी शुक्ला एके तामने केसी सोनी लखन लाल प्रजापति आरपी यादव आदि संख्या में लोग उपस्थित थे।