Jabalpur Holi। होली के त्यौहार में कलेक्टर सौरभ सुमन और पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ बहुगुणा ने पूरी कोर कसर कानून व्यवस्था में लगा रखी थी। इक्का दुक्का घटनाओं को छोड़ दिया जाए तो होली का त्यौहार शांतिपूर्वक निपट गया। पुलिस ने संवेदनशील क्षेत्रों में फ्लेग मार्च किया। पुलिस के जवान और अधिकारी रात दिन अपनी ड्यूटी पर मुस्तैदी से तैनात रहे, इसलिए पुलिस का खौफ सड़कों पर दिखा और बदमाश नियंत्रण में रहे। गौरतलब है कि जिस शहर में जहां रोजाना तनिक-तनिक सी बातों पर वादविवाद खून-खराबा होता है, वहां होली के रंगों में खून के छीटें न उड़ें, भला ऐसे हो सकता है। इन अनुभवी अफसरों के प्रयासों व उनकी टीम बेशक शाबासी की हकदार है। जिनने बहुत सूझबूझ के साथ रंगों के अलमस्त, मदमस्त त्यौहार, जिसमें उन्माद की गुंजाइश को रोकने के लिये हर कदम बहुत ही सहजता और समझदारी के साथ उठाये। इसका सुखद परिणाम यह रहा कि लोगों ने शांतिपूर्ण वातावरण में होली के मेलजोल वाले त्यौहार को आत्मीय प्रेम और मस्ती के साथ मनाया। होली के दरम्यिान ४ हत्याओं की वारदातें और मारपीट की वारदातें जरुर होली के रंगों को बदरंग किया।
दरअसल, जिला कलेक्टर और पुलिस अधीक्षक ने जबलपुर के इतिहास में शायद पहली दफा ऐसे प्रयास किये कि थाना स्तर की शांति समितियों की बैठकें पहले बुलवाईं और उनमें मिले फीडबैक के आधार पर व्यवस्थाओं को सुनिश्चित किया। लोगों को लगा कि उनकी बात को वजन दिया गया, इसलिए वे भी दुगुने उत्साह के साथ कानून व्यवस्थाओं को बनाये रखने के लिये सूचनाओं का आदान-प्रदान अधिकारियों को करते रहे और उन्हीं आधार पर व्यवस्थाएं हुईं। इस शहर के नेता भी इस बात के लिये बधाई के हकदार हैं कि उन्होंने प्रशासनिक व्यवस्थाओं के तहत लगाई गई सीमाओं का उल्लंघन करने वालों को प्रश्रय नहीं दिया, बल्कि प्रशासन के हर निर्णय में अपनी सहभागिता और समर्थन दिया। सभी के मिलेजुले प्रयासों से जिले की कानून व्यवस्था नियंत्रित रही। यह बात अलहदा है कि जिले की ग्रामीण क्षेत्रों और शहरी क्षेत्रों में लड़ाई झगड़े की छुटपुट वारदातें हुईं जो आम दिनों में भी किसी न किसी कारण होती रहती हैं। खास बात यह है कि पुलिस अधीक्षक एमएस सिकरवार और जिला कलेक्टर सौरभ सुमनखुद धुरेड़ी के दिन शहर भ्रमण पर रहे। सुबह से शाम तक इन अधिकारियों ने जब खुद भ्रमण किया तो कार्यपालिक मजिस्ट्रेट, सीएसपी और थाना प्रभारी स्तर के अधिकारी भी लगातार भ्रमण करने विवश रहे। फिक्स प्वाइंटों से गोल मारने वाले अलाल किस्म के पुलिस कर्मचारी भी गैर हाजिरी डल जाने के भय से प्वाइंटों पर डंटे रहे। एक कमजोरी जरूर नजर आई कि परीक्षाओं के दौर में भी धुरेड़ी के दिन सुबह, शाम कई स्थानों पर स्पीकर साउंड सिस्टम बजते रहे। पुलिस वालों के मना करने पर भी नहीं माने। लेकिन इसके बावजूद भी होली में कोलाहल एक्ट का कोई भी प्रकरण दर्ज नहीं हुआ। हालांकि पुलिस को अभी रंगपंचमी के त्यौहार तक ऐसे ही अलर्ट रहना होगा तभी अभी तक के प्रयासों को सार्थकता हासिल होगी वरना हाथी निकल गया और पूछ अटक गई तो सारा किया धरा रह जाएगा।
सभी के सहयोग से रहा अच्छा माहौल
होली के त्यौहार पर शांति व्यवस्था के लिये कलेक्टर सौरभ सुमन, पुलिस अधीक्षक सिद्धार्थ ने बेहतर सांमजस्य के लिये जिला प्रशासन, जनप्रतिनिधियों, प्रेस और शहर के सभी गणमान्य नागरिकों का आभार जताया। उन्होंने अपने मातहत अधिकारियों व स्टाफ के प्रति भी कृतज्ञता जाहिर की है, जिन्होंने त्यौहार में अपना घरबार छोड़कर सड़कों पर मुस्तैदी से अपनी ड्यूटी की और लोगों को हंसी खुशी से अपना त्यौहार मनाने का मौका दिया।