Jabalpur Cant Board Election: जबलपुर केन्ट बोर्ड की सियासत गरमाई

Jabalpur Cant Board Election : जबलपुर। लम्बे टलने के बाद अचानक घोषित हुये केन्ट बोर्ड के चुनाव के फौरन बाद केन्ट में राजनीति गर्माना शुरु हो गई। जबलपुर के नेता इसे गंभीरता से लेते हुये विधानसभा सेमीफायनल मान रहे हैं। इसलिये नीति रणनीती बनाने का सिलसिला शुरु हो गया है। कांग्रेस और भाजपा दोनों दलों से जुड़े नेता तैयारियों में जुट गये हैं। गौरतलब है की केन्ट बोर्ड के चुनाव पार्टी सिम्बल पर नहीं होते, लेकिन पार्टियों और पार्टी से जुड़े नेताओं का प्रभाव इन चुनावों पर स्पष्ट रूप से दिखाई देता है। जहां भाजपा नेताओं की बैठकें शुरु हो गई हैं, वहीं कांग्रेस को भी आंदोलन की याद आने लगी है। चुनाव का विस्तृत
कार्यक्रम घोषित होते ही कांग्रेस नेताओं ने बंगला और बगीचा क्षेत्र में रहने वाले परिवारों के नाम मतदाता सूची से बाहर किए जाने का मुद्दा जोर शोर से उठाने का ऐलान कर दिया है। कांग्रेस नेताओं का कहना है कि पहले वोटर लिस्ट से बाहर किए गए लोगों का नाम पुन: जोड़ा जाए, इसके बाद ही केंट बोर्ड का चुनाव कराया जाए। केंट कांग्रेस इस मासले में ६ मार्च को एक वृहद आंदोलन की तैयारी कर रही है।

6 साल बाद आई याद

यहां उल्लेखनीय यह है कि केंट बोर्ड ने मतदाता सूची से बंगला-बगीचा क्षेत्र में रहने वाले अतिक्रमणकारियों के संबंध में एमपी हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश व मुख्यालय से मिले निर्देशों के बाद २०१७ में बड़ी संख्या में लोगों के नाम
हटाए थे। जिसके बाद हर साल जुलाई माह में मतदाता सूची को लेकर सर्वे व प्रकाशन किया जाता रहा है। आरोप यह भी लग रहे हैं ६ साल बाद कांग्रेस पार्टी को इस मामले की याद आई है। लेकिन कांग्रेस नेताओं का कहना है वे लगातार इस मामले में आवाज उठा रहे थे।

30 को होना है चुनाव…….

गौरतलब है कि रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी नोटिफिकेशन के तहत ३० अप्रैल को जबलपुर सहित देश की ५७ केंटोन्मेंट बोर्ड में मेंबर्स का निर्वाचन होना है। दरअसल मतदाता सूची को लेकर गत बुधवार को कांग्रेस द्वारा सदर में एक बैठक आयोजित गई थी। पूर्व केंट बोर्ड उपाध्यक्ष अभिषेक चिंटू चौकसे ने बताया कि भारत सरकार रक्षा मंत्रालय के निर्देशानुसार ३० अप्रैल को ५७ केंट बोर्ड में साधारण चुनाव की घोषणा की जा चुकी है। हम चुनाव के विरोध में नहीं हैं, लेकिन बोर्ड द्वारा २५००० बंगला-बगीचा एवं कंपाउंड में रहने वाले मतदाताओं के नाम काटे गए।

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