ईवी उपकरणों की मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने की तैयारी… पीएम ई-ड्राइव योजना लागू


नई दिल्ली। केंद्रीय कैबिनेट की ओर से देश में इलेक्ट्रिक वाहनों का चलन बढ़ाने के लिए मंजूर की गई पीएम इलेक्ट्रिक ड्राइव रिवोल्यूशन इन इनोवेटिव व्हीकल एन्हांसमेंट (पीएम ई-ड्राइव) योजना में लोकल स्तर पर ईवी उपकरणों की मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ाने का प्रोग्राम होगा।

पीएम ई-ड्राइव योजना फेम स्कीम की जगह लेगी। इस योजना के लिए मोदी सरकार ने 10,900 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत देश में ईवी उपकरणों की मैन्युफैक्चरिंग बढ़ाने के लिए चरणबद्ध मैन्युफैक्चरिंग कार्यक्रम (पीएमपी) लागू होगा। योजना के तहत, ईवी निर्माता, जो स्थानीय स्तर पर उपकरणों को सोर्स करते हैं, उन्हें घरेलू मूल्य संवर्धन आवश्यकता के बिना वित्तीय सहायता प्राप्त होगी। सब्सिडी पाने के लिए लोकल स्तर पर ईवी उपकरणों के पार्ट्स की असेंबली करनी होगी। हालांकि, आपूर्तिकर्ता पार्ट्स का आयात कर सकते हैं।

इसके तहत सब्सिडी पाने के लिए कंपनियों को योजना की अधिसूचना जारी होने के छह माह के अंदर पीएमपी के नियमों का अनुपालन करना होगा। सब्सिडी पाने वाली कंपनियों को यह पुख्ता करना होगा कि ईवी उपकरण भारत में ही बने। रिपोर्ट में बताया गया कि 2025-26 में इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों के लिए वित्तीय सहायता को कम कर 5,000 रुपये प्रति वाहन और तिपहिया वाहनों के लिए सब्सिडी घटाकर 25,000 रुपये प्रति वाहन कर दी जाएगी। रिपोर्ट में एक अन्य अधिकारी की ओर से बताया गया कि ईवी उपकरणों की आपूर्ति करने वाली कंपनी की मैन्युफैक्चरिंग सुविधा को वर्ष में दो बार इंस्पेक्शन किया जाएगा, जिससे सब्सिडी का गलत उपयोग न हो।