Bhopal News, भोपाल। करीब बीस दिन पुराने रैंगिंग के मामले में नेशनल ला इंस्टिट्यूट यूनिवर्सिटी (एनएलआईयू) कार्रवाई करते हुए तीन सीनियर छात्रों को दो साल के लिए छात्रावास से निकाल दिया है। हालांकि, यूजीसी की गाइडलाइन कहती है कि रैगिंग की शिकायत में 24 घंटे में कार्रवाई करना चाहिए, लेकिन अभी तक संस्थान द्वारा बनाई गई जांच समिति ने रिपोर्ट नहीं सौंपी थी। प्रॉक्टोरियल बोर्ड ने तीन दिन में जांच करने के लिए कहा गया था, 25 फरवरी को कुलपति डॉ. वी विजयकुमार को रिपोर्ट सौंपी थी। जिन तीन छात्रों को हास्टल से निकाला गया है, वह विश्वविद्यालय की किसी भी गतिविधि में भाग नहीं ले सकेंगे। 19 फरवरी की रात इंदौर पुलिस कमिश्नर हरिनारायणचारी मिश्रा के बेटे के साथ रैगिंग हुई थी। तीन सीनियर छात्रों ने उनके हॉस्टल पहुंचकर उसे शराब पीने और पिलाने को कहा था। मना करने पर उसके साथ मारपीट भी की थी।
बात आगे बढ़ी तो पीड़ित छात्र ने इसकी शिकायत यूजीसी की एंटी-रैगिंग हेल्पलाइन में की थी। इसके बाद प्रॉक्टोरियल बोर्ड ने तीन दिन में जांच की और 25 फरवरी को कुलपति डॉ. वी विजयकुमार को रिपोर्ट सौंपी थी। जिन तीन छात्रों को हॉस्टल से निकाला गया है, वह विश्वविद्यालय की किसी भी गतिविधि में भाग नहीं ले सकेंगे।एनएलआइयू के चीफ वार्डन उदय प्रताप सिंह का कहना है कि कुलपति को रिपोर्ट सौंप चुके हैं। जांच समिति का कहना है कि रैगिंग मामले में दोनों पक्षों से पूछताछ की गई। सीसीटीवी कैमरों के फुटेज के आधार पर तीन छात्रों को दोषी पाया गया है। उन पर कार्रवाई की गई है। उन्हें हास्टल से बाहर कर दिया गया है। रिपोर्ट यूजीसी की एंटी रैगिंग हेल्पलाइन को भी भेज दी गई है।बता दें कि 19 फरवरी की रात फर्स्ट ईयर के विद्यार्थी के साथ वरिष्ठ विद्यार्थियों ने रैगिंग की थी। मामले में कनिष्ठ विद्यार्थी ने शिकायत की थी कि तीन सीनियर छात्रों ने उनके हास्टल पहुंचकर उसे शराब पीने और पिलाने को कहा था। मना करने पर उसके साथ मारपीट भी की थी। बात आगे बढ़ी तो पीड़ित छात्र ने इसकी शिकायत यूजीसी की एंटी-रैगिंग हेल्पलाइन में की थी।
सुदामा नर-वरे/ 12 मार्च 2023