Jabalpur Politics। जब पड़ा वक्त तो गुलशन को लहु हमने दिया और बहार आई तो कहते हैं तेरा काम नहीं……। यह दर्द है भारतीय जनता पार्टी के अधिकांश पूर्व विधायकों, बुजुर्ग नेताओं और पदाधिकारियों का, जिन्हें आज पार्टी के सामने नये सिरे अपना रिपोर्ट कार्ड पेश करने को कहा जा रहा है, जिन्हें यह बताना पड़ रहा है कि उन्होंने पार्टी के लिये क्या किया। जिसके गंभीर परिणाम सामने आ रहे हैं, कुछ ही इशारों में तो कुछ की खुले तौर पर प्रतिक्रिया सामने आ रही है। यह नेता कार्यकर्ता पार्टी अपनी पीड़ा विरोधी स्वर में सुनाने को मजबूर हैं। बीते दिनों भाजपा के वरिष्ठ नेता अजय विश्नोई ने इस मामले पर बयान देकर विषय की गंभीरता को समझने को कहा था। पार्टी के पूर्व विधायकों और वरिष्ठ कार्यकर्ताओं को साथ लेकर चलने और उनके अनुभव से फायदे लेने की सलही दी। साथ इशारों में चेताया भी था यदि नये के चक्कर में पुरानों को सम्मान नहीं दिया जाएगा, तो उनकी पीड़ा अलग अलग तरह से सामने आएगी। जिसका नकारात्मक प्रभाव विधानसभा २०२३ में देखने को मिलेगा। विश्नोई की इस बात पर बब्बू ने खुलकर तो अन्य वरिष्ठ नेताओं और पूर्व विधायकों ने इशारों में सही बताया था।
गौरतलब है की जिले की सभी आठ विधानसभाओं में पुरानी बनाम नई पीढ़ी की जंग देखी जा रही है। पूर्व में अंचल, मध्य में शरद, पश्चिम में बब्बू, तो बरगी में प्रतिभा सिंह को यह कहकर युवा चेहरों से चुनौती मिल रही कि यह अब किसी काम के नहीं है। यह हालत है उनकी जो पिछले चुनाव में पूर्व विधायक हुये। उनकी तो गिनती ही नहीं है जो उसके पहले विधायक रहे थे। वहीं कई ऐसे वरिष्ठ नेता आज पार्टी में हैं जिन्हें सालों से पूछा तक नहीं गया है। इन्हीं में से कुछ की अलग अलग मौके पर अलग अलग तरह से पीड़ा और आक्रोश निकल रहा है। जिससे भाजपा की अंर्तकलह जग जाहिर हो रही है।
विधायक अजय विश्नोई बीते दिनों कहा कि कई बार हमारे बड़े नेता उनकी सुनकर चले जाते है जिनके पास जमीनी सच्चाई तक नही होती है, या जिनका स्वार्थ होता है, इसी स्वार्थ के कारण गलत जानकारी वरिष्ठ नेताओं को दे दी जाती है, इनको क्रास चेक करना बड़े नेताओं का काम होता है। पूर्व मंत्री और वर्तमान में पाटन विधानसभा से विधायक अजय विश्नोई का कहना है कि पूर्व विधायक हो या फिर पार्टी के वरिष्ठ कार्यकर्ता इनकी बातों को सुना जाना चाहिए, क्योंकि इनके पास जमीनी धरातल के अनुभव है। पूर्व मंत्री अजय विश्नोई ने पार्टी के वरिष्ठ नेताओं से अनुरोध किया है कि पूर्व विधायक हो, मंडल अध्यक्ष हो या फिर कार्यकर्ता पार्टी को सभी की सुननी चाहिए और ज़ल्दी सुननी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर कार्यकर्ताओं की सहमति नही हुई तो बेमन से आप उनसे काम नही ले सकते, और बाद में फिर उसका परिणाम अच्छा नही होगा।
बब्बू का मिला समर्थन….
पूर्व मंत्री और पाटन विधायक अजय विश्नोई के बयान पर पूर्व मंत्री हरेंद्रजीत सिंह बब्बू ने भी हामी भरी है। पूर्व विधायक का कहना है कि वरिष्ठ नेताओं को अगर पार्टी और संगठन अनदेखा करेगा तो उनके मन की पीड़ा ऐसे ही नाराजगी से बाहर निकलेगी, उन्होंने कहा कि चुनावी समय है ऐसे में पार्टी के वरिष्ठ नेताओं को चाहिए कि सभी को साथ में लेकर चले। गौरतलब है बीते दिनों बब्बू ने सीधे पार्टी प्रदेश अध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाए थे। हालांकी बात में उन्होंने माफी भी मांग ली थी।