Jabalpur। मध्य प्रदेश राज्य अधिवक्ता परिषद के उपाध्यक्ष एवं अध्यक्ष जिला अधिवक्ता संघ जबलपुर के आरके सिंह सैनी ने परिषद के अध्यक्ष विवेक सिंह को 25 चिन्हित प्रकरणों के निराकरण के संबंध में अपना सुझाव देते हुये बताया कि न्यायतंत्र में यह अत्यंत आवश्यक है कि पीड़ित पक्षकारों को उचित समय पर न्याय मिले जाये। इसलिये यह आवश्यक है कि पुरानी पेंडेंसी जो 5 से 7 साल पुराने प्रकरण है, उन्हें एक निश्चित समय सीमा के अंदर निराकृत किया जाना चाहिये।
श्री सैनी ने कहा इसलिये 25 प्रकरणों की 3 माह की समय सीमा समाप्त कर उसके बजाये 100 प्रकरण चिन्हित किये जाये, वहीं उनके निराकरण की समय सीमा एक साल की समय सीमा रखी जाये। यदि कुछ प्रकरण निर्धारित समयावधि में निराकृत न हो पाएं तो उन्हें अगले दूसरे वर्ष में निराकृत किया जा सकता है। इसी तरह दूसरे साल के भी 100 प्रकरण निराकृत किये जाएं और बचे हुये प्रकरणों को अगले साल निराकृत करने के लिये इसी तरह की छूट रखी जाये। उन्होंने कहा इस तरह से प्रत्येक बचे मुकदमे को 2 साल का समय मिल सकेगा और जो सामान्य प्रकरण है वे एक वर्ष की समय सीमा में निराकृत हो सकेंगे। इस तरह पुरानी पेंडेंसी भी निपटेगी और नये प्रकरणों का भी निराकरण हो सकेगा। श्री सैनी ने बताया पूर्व में भी ३ मार्च को परिषद के सदस्य राधे लाल गुप्ता ने भी इसी तरह का मिलता जुलता सुझाव परिषद के अध्यक्ष को दिया था।