मध्यप्रदेश क्रिकेट संघ (एमपीसीए) के एक शीर्ष पदाधिकारी ने शुक्रवार को कहा कि बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी के तीसरे टेस्ट के लिए इस्तेमाल होलकर स्टेडियम की पिच ने इस मुकाबले का नतीजा दिया है और यह पिच भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) के क्यूरेटरों के निर्देशों के मुताबिक ही तैयार की गई थी। एमपीसीए अध्यक्ष अभिलाष खांडेकर ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) द्वारा इस पिच को ‘‘खराब’’ करार दिए जाने के बाद बयान दिया।
इंदौर की पिच की तीखी आलोचना के बीच एमपीसीए अध्यक्ष याद दिलाना नहीं भूले कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच नागपुर और दिल्ली में खेले गए दो शुरुआती टेस्ट मैच भी पूरे पांच दिन नहीं चल सके थे। खांडेकर ने कहा कि होलकर स्टेडियम की पिच बीसीसीआई के पिच क्यूरेटरों के दिशा-निर्देशों के मुताबिक बनाई गई थी जिन्होंने मुकाबले के करीब आठ दिन पहले होलकर स्टेडियम पहुंचकर मैदान का मुआयना किया था।
सूत्रों ने बताया कि बीसीसीआई के दो क्यूरेटरों-आशीष भौमिक और तापस चटर्जी ने भारत-ऑस्ट्रेलिया टेस्ट से पहले, स्टेडियम का मुआयना किया था।
एमपीसीए के होलकर स्टेडियम के पिछले 17 साल के इतिहास में जितने मैच हुए हैं, उनमें से अधिकतर मुकाबलों में इसकी पिच बल्लेबाजों के लिए खूब मददगार साबित हुई है, इसलिए इस मैदान को बल्लेबाजों का स्वर्ग कहा जाता रहा है।
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