Jabalpur News: जबलपुर न्यूज़। श्री बगलामुखी सिध्द पीठ शंकराचार्य मठ में विश्व कल्याण की कामना को लेकर पौैष मास में चल रहे सूर्य अर्चन का रविवार सूर्य दिवस पर विशेष महत्व होता है. रविवार को यहां बगलामुखी पीठ के पुजारी शंकराचार्य चैतन्यानंद ने वैदिक ब्राम्हणों के मंत्राच्चार के बीच भगवान शिव का दुग्ध अभिषेक बिल्वपत्र अर्चन एवं विधि विधान से पूजन अर्चन किया गया. इसके बाद भगवान सूर्य नारायण का ३१ सौ गुलाब पुष्पों से अर्चन किया गया एवं महा पूजा की गई.
इस अवसर पर ब्रम्हचारी चैतन्यानंद ने उपस्थित भक्तों को भगवान सूर्य नारायण की महिमा प्रतिपादित करते हुये बताया गया कि शृष्टी के प्रारंभ से ही प्रथ्वी के साक्षात देवता के रूप में सूर्य भगवान ही उनके प्रकाश की किरणों से सारा जगत प्रकाशमय हो रहा है. भगवान सूर्य देव की अराधना करने से विभिन्न रोगों से मुक्ति मिलती है.
उन्होंने आगे कहा की श्रीमद्भागवत पुराण के अनुसार सूर्य के रथ का एक चक्र(पहिया) संवत्सर कहलाता है. वैदिक साहित्य में ही नहीं आयुर्वेद ज्योतिष हस्तरेखा शास्त्रों में सूर्य का महत्व प्रतिपादित किया गया है। वैदिक काल में आर्य सूर्य को ही सारे जगत का कर्ता धर्ता मानते थे। सूर्य का शब्दार्थ है सर्व प्रेरक यह सर्व प्रकाशक सर्व प्रवर्तक होने से सर्व कल्याणकारी है। संध्या उपासना विधि में पूज्य श्री ने बताया कि इसमें त्रिकाल सूर्य अर्घ्य सूर्य मार्जन सूर्य उपस्थान आदि है जिनके बिना संध्या पूर्ण नहीं होती एवं इसके पश्चात आदित्य हृदय स्तोत्र भी है. सूर्य अर्चन के अवसर पर प्रकाश चन्द द्विवेदी अजय दुबे सुशील तिवारी संदीप पाण्डेय के.पी. सिन्हामनीष पाण्डेय श्रीमति आराध्या सुनील साहू मनोज सेन आदि उपस्थित रहे।