जबलपुर न्यूज़। कोई नगर निगम योजना का फार्म भरने खड़ा है, कोई लोकसेवा केन्द्र में आय और मूल निवासी प्रमाण पत्र बनवाने की दौड़ में है। कोई सरकारी स्कूल में आवेदन की प्रक्रिया पूछने पहुंच रहा है तो कोई पार्षद विधायक कार्यालय के चक्कर काट रहा हैै। जिले में हर कहीं एक ही चर्चा है लाडली लक्ष्मी योजना, लोग किसी भी हाल में योजना का लाभ लेना चाहते हैं। जिसके लिये अपने कागजात पूरे करने में जुटे हैं। योजना को लेकर आए दिन सोशल मीडिया पर फर्जी पोस्ट वायरल हो रही है, जिसमें अलग अलग डाक्यूमेंट को आवश्यक बताया जा रहा है। जिसके चलते भ्रम की स्थिति निर्मित हो रही और लोग शासकीय कार्यालयों में कतारबध्द नजर आ रहे हैं। जानकारी के मुताबिक अकेले सिर्फ जिले के शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्र में संचालित लोकसेवा केंद्रों में हर दिन २०० से ४०० लोग नये आवेदन केवल आय प्रमाण पत्र एवं मूल निवासी प्रमाण पत्र के आ रहे हैं। जानकारी का आभाव आमजन और प्रशासन दोनों को परेशानी में डाल रहा है। गौरतलब है कि योजना के लिए मध्यप्रदेश का मूल निवासी होना आवश्यक है लेकिन आवश्यक दस्तावेजों में केवल आवेदक की समग्र आईडी, परिवार की आइडी और आधार कार्ड मांगा गया है।
आवेदन तक नहीं बच रहे…
इन दोनों प्रमाण पत्रों की मांग इतनी है कि छपे फॉर्म की कमी तक लोकसेवा केंद्रों पर होने लगी है। वहीं जो फॉर्म जमा किए जा रहे हैं, उन्हें संभालना भी मुश्किल हो रहा है। कुछ समय पहले एक केंद्र में प्रतिदिन ५०० से ज्यादा आवेदन आ रहे थे, अब उनकी संख्या घटकर २५० से ३०० पर आई है।
सिर्फ मूल निवास होना आवश्यक….
महिला का मूल निवासी होना जरूरी है। वह विवाहित हो, विधवा, तलाकशुदा, परित्याक्तता को भी इसमें शामिल किया गया है। महिला के परिवार की सम्मिलित रूप से आए ढाई लाख से कम होनी चाहिए। वहीं स्वयं या परिवार के सदस्य आयकर दाता नहीं हों। परिवार के पास सम्मिलित रूप से पांच एकड़ से अधिक जमीन नहीं हो जैसी शर्तें रखी गई हैं। आवेदन के समय महिलाओं को स्वयं दस्तावेजों के साथ मौजूद रहना होगा। उनकी लाइव फोटो शिविर में ही खींची जाएगी। समग्र आईडी ले जाना जरूरी है। उसका ईकेवायसी होना जरूरी है। उनमें आय या मूल निवासी प्रमाण पत्र आदि की बात नहीं की गई है। फिर भी प्रमाण पत्र बनवाने बड़ी तादाद में महिलाएं पहुंच रही हैं।