डिप्रेशन पागलपन नहीं है : दिव्या दत्ता

Bollywood Entertainment : अभिनेत्री दिव्या दत्ता ने ८ मार्च महिला दिवस अन्य महिलाओं के साथ मनाने की उम्मीद की है। उन्होंने अवसाद (डिप्रेशन) के बारे में चर्चा कर उससे निपटने के बारे में बात कर बताया कि डिप्रेशन से बाहर आना उनके लिए बहुत कठिन था और इस बात पर भी जोर दिया कि महिलाओं को इन मुद्दों के बारे में मुखर होने की जरुरत है।

दिव्या ने बताया कि वह डिप्रेशन से गुजर चुकी है और वह इससे बाहर आ गई है, लेकिन हर कोई ऐसा नहीं कर सकता। लोगों को पता होना चाहिए कि इसके बारे में बात करना बिल्कुल ठीक है। इसे दबाने की कोशिश न करें। अगर कोई उदास दिखाई देता है तब उस पर ध्यान दें, उनकी बातें सुने। डिप्रेशन पागलपन नहीं है।

अभिनेत्री दिव्या का मानना है कि महिलाएं अपने मुद्दों के बारे में अधिक मुखर हो। दिव्या ने कहा कि मानसिक स्वास्थ्य समस्याएं पागलपन में तब्दील नहीं होती है। इसलिए, उन्हें समझाने की जरुरत है और मिथकों का तोड़ने की जरुरत है। मुझे खुशी है कि हम इसके बारे में चर्चा कर रहे है। दिव्या ने १९९४ में फिल्म इश्क में जीना इश्क में मरना से फिल्म इंडस्ट्री में डेब्यू किया था, उन्होंने वीर-जारा, वेल्कम टू सज्जनपुर, दिल्ली-६, स्टैनली का डब्बा, हीरोइन, भाग मिल्खा सिंह सहित अन्य में भी अभिनय किया है।

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